भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी(Jitu patwari) पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, पूरे बजट सत्र ( mp budget session) के लिए निलंबित कर दिया है. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी है. इधर कांग्रेस ने जीतू पटवारी के निलंबन पर जमकर हंगामा किया. भारी नारेबाजी के बीच कांग्रेस ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही.



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बता दें कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को निलंबित करने का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रखा था. उन्होंने कहा कि  लंबे समय से देखने मे आया था, कि जिस सदन को हम मंदिर मानते हैं. उस सदन में जीतू पटवारी गुमराह कर रहे थे. आज भी झूठ बोला और गुमराह किया. बोला जामनगर में जू बना रहे हैं, हमने जानवर बेचे. जबकि जानवरों के बेचने पर पाबंदी है. जामनगर से छिपकली लाये ये झूठ बोला. इस सदन की मर्यादा को खरोंचने की कोशिशें हो रही हैं. ये पीड़ादायक है. मैंने संसदीय कार्य मंत्री उनको निलंबित करने की मांग की है. जिसके बाद उनको पूरे सत्र से निलंबित किया गया. 


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झूठ के चलते निलंबन
वहीं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि पूर्व मंत्री जीतू ने झूठ बोला. उन्होंने ये झूठ बोला कि भाजपा के कार्यक्रमों में खाने का खर्च सरकार ने उठाया इसी झूठ के चलते पटवारी निलंबित किये गए है.


निलंबन को बताया असंवैधानिक
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह बोले सरकार के दबाब में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने जीतू पटवारी का सत्र से निलंबन किया गया है.  गोविंद सिंह बोले हम विधायकों बैठक के बाद फैसला लेंगे कि कोर्ट जाना है या नहीं. जीतू के निलंबन का फैसला पूरी तरह से असंवैधानिक है.



स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
निलंबन के बाद नेता प्रतिपक्ष बोले जीतू पटवारी आमरण अनशन पर बैठे. अगर जरूरत पड़ी तो स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ले कर आएंगे. कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा बोले- बीजेपी करवा रही लोकतंत्र की हत्या. सीएम शिवराज के इशारे पर जीतू पटवारी को निलंबित किया गया. जरूरत लगी तो विधान सभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.


खेद प्रकट नहीं किया
 विधानसभा प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह बोले कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र से निलंबित किया गया है. भाषण और आसंदी को अलग-अलग जानकारी को लेकर खेद प्रकट करने के लिए मौका दिया गया. पर उन्होंने खेद प्रकट नहीं किया. संसदीय कार्य के प्रस्ताव पर फैसला हुआ है. लंबे समय बाद निलंबन की कार्यवाही हुई है. पिछली बार श्रीनिवास तिवारी के कार्यकाल में निलंबन की कार्यवाही हुई थी.