Madhya pradesh: मध्य प्रदेश के दमोह में कथित तौर पर हिन्दू लड़कियों को हिजाब पहनाने के मामले में गंगा-जमना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की मान्यता रद्द कर दी गई है.  संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सहायक सागर संभाग ने इसको लेकर आदेश जारी किया है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से कई सख्ती के बाद जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है. इस मामले को लेकर स्थानीय स्तर से लेकर मुख्यमंत्री तक नाराजगी थी. इससे पहले स्कूल प्रबंधन ने सफाई दी. स्कूल की प्रबंध समिति ने दोहराया कि स्कूल में बच्चियों को हिजाब पहनने मजबूर नहीं किया जाता. जिसे लोग हिजाब बता रहे हैं वो असल में स्कार्फ है. 


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स्कूल के डायरेक्टर हाजी मोहम्मद इदरीश ने कहा कि स्कार्फ स्कूल के ड्रेस कोड में शामिल है. बावजूद इसके जो छात्राएं स्कार्फ पहन कर नहीं आती उन्हें मजबूर नहीं किया जाता. इसके अलावा स्कूल में दुआ पढ़ाये जाने का मामला भी सामने आया है. स्कूल में 'लव पे आती है दुआ' प्रेयर कराए जाने के आरोप भी हैं. हिंदूवादी संगठन इस दुआ के पाकिस्तान में लिखे जाने के बाद यहां पढ़ाये जाने की बात कह रहे हैं.  इस सवाल पर स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल में "जन गण मन" ही गाया जाता है. 


अब सख्ती से होगी जांच
इससे पहले स्कूल को क्लीन चिट देने वाले कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) के निर्देश के बाद अब जांच कमेटी को और स्ट्रांग किया गया था. कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है. कलेक्टर ने कहा है कि कथित हिजाब जिसे स्कूल स्कार्फ बता रहा है उसे लेकर स्कूल प्रबंधन ने नया नियम पारित किया है कि ये स्कार्फ स्वेक्षिक रहेगा.  स्कूल में उर्दू की शिक्षा और धार्मिक शिक्षा के बिंदुओं पर भी जांच जारी है. कलेक्टर के मुताबिक गंगा जमुना स्कूल एक राष्ट्रीय मुस्लिम संस्था से सम्बद्ध है और केंद्र सरकार इसे नियमानुसार ग्रांट भी देती है.


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क्या है पूरा मामला
बता दें कि मध्य प्रदेश बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद गंगा जमना स्कूल के बोर्ड पर कुछ टॉपर्स के फोटो लगाए गए थे. इस बोर्ड में कुछ मुस्लिम समेत कुछ हिंदू लड़कियां कथित हिजाब पहले हुए दिखाई दे रहीं थीं. पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने स्कूल का विरोध करना शुरू कर दिया है. मामला बढ़ने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं.