महेंद्र दुबे/दमोह: दमोह में धर्मांतरण के मुद्दे पर चल रही तनातनी के बीच अब जिला प्रशासन पर हिन्दू नेताओं पर जिला बदर यानी एनएसए करने के आरोप लगे हैं और इसे लेकर एक धर्म के लोग आंदोलित हैं. मंगलवार को जिला मुख्यालय पर कुछ ऐसा ही देखने को मिला.हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष सड़कों पर आए और उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया. 


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दरअसल, पिछले दिनों बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने दमोह में चल रहे ईसाई मिशनरी के खिलाफ धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.जिसके बाद मामला तूल पकड़ और हिंदूवादी संगठन भी सक्रिय हो गए.इस बीच एक हिंदू नेता कलु रैकवार के खिलाफ जिला बदर यानी एनएसए की कार्रवाई की गई.


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लोगों का फूटा गुस्सा 
जिसके बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और मंगलवार को बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया. रैली के रूप में एसपी व कलेक्टर कार्यालय पहुंचे लोगों ने मांग की है कि हिंदू नेता कलु रैकवार के जिला बदर कार्रवाई को खत्म किया जाए.वहीं ईसाई मिशनरी के मामले में प्रशासन के रवैये पर हिंदू नेताओं ने भी गुस्सा जताया है. उन्होंने प्रशासन को आत्महत्या करने की धमकी दी है. हिंदू नेताओं की माने तो प्रशासन मिशनरियों को बचाने की कोशिश कर रहा है.वहीं कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य के अनुसार इस मामले में उचित कार्रवाई की जा रही है.


इसलिए की गई कार्रवाई 
दमोह के एसपीडी आर तेनिवार के मुताबिक पुलिस ईसाई मिशनरी पर धर्मांतरण के आरोपों की जांच कर रही है, वहीं हिंदू नेता कलु रैकवार के खिलाफ की गई जिला बदर की कार्रवाई के सवाल पर उनका कहना है कि पुलिस ने आपराधिक रिकॉर्ड के चलते जिला बदर की कार्रवाई की है.