दमोह:  एमपी के दमोह में दो दिन पहले घटी शर्मसार करने वाली वारदात के बाद हड़कंप मचा हुआ है. यहां एक दिव्यांग छात्रावास में मूक बधिर 10 साल की नाबालिग मासूम से हॉस्टल के चौकीदार ने ही दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. इस मामले का आरोपी चौकीदार पुलिस गिरफ्त में आ चुका है. वहीं शुक्रवार को इस मामले में बड़ी कार्यवाही हुई है.


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बता दें कि मध्य प्रदेश बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र मोरे और आयोग के सदस्य ओमकार सिंह मरकाम ने दमोह पहुंचकर हालात का जायजा लिया. आयोग ने पीड़िता से भेंट करने के साथ दिव्यांग हॉस्टल का भी निरीक्षण किया. आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र मोरे ने सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी मुकेश द्विवेदी और एपीसी राम सेन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के निर्देश दमोह कलेक्टर को दिये हैं.


विभाग के अफसरों की लापरवाही
अध्यक्ष मोरे ने बताया कि हॉस्टल के निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के अफ़सरों की लापरवाही सामने आई है. हॉस्टल में बुनियादी सुविधाओं के अभाव के साथ सुरक्षा के कोई इंतजामात नहीं है. जिससे साफ है कि यहां रहने वाले दिव्यांग बच्चे असुरक्षित हैं. सरकारी तंत्र की असलियत सामने आने के साथ आयोग अब इस हॉस्टल के और बच्चों से भी बात करेगा जिसके लिए मूक बधिर मामलों के जानकारों की मदद ली जाएगी. 


अचानक घटी घटना
वहीं आयोग की कार्यवाही और जिले के दो बड़े अफसरों को निलंबित करने के निर्देश के बाद इस फेरे में आये जिले के सर्व शिक्षा अभियान के डीपीसी का कहना हैं कि विभाग इस हॉस्टल में सभी इंतजाम किए है. ये घटना अचानक घटी है और उनकी कोई गलती नहीं है. बहरहाल एक दिव्यांग मासूम से हुई वारदात के बाद अब हॉस्टल का सच सबके सामने आ रहा है और आने वाले दिनों में ये मामला और तूल पकड़ेगा.


रिपोर्ट - महेंद्र दुबे