'केन-बेतवा' पर बुंदेलखंड से दिल्ली तक गरमाई सियासत, CM मोहन के निशाने पर राहुल गांधी
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'केन-बेतवा' पर बुंदेलखंड से दिल्ली तक गरमाई सियासत, CM मोहन के निशाने पर राहुल गांधी

Ken Betwa Project: 'केन-बेतवा लिंक परियोजना' की शुरुआत के बाद सियासत भी तेज हो गई है. सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर पलटवार किया है. 

सीएम मोहन का कांग्रेस पर पलटवार

'केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना' की शुरुआत होने के बाद इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है.  सीएम डॉ मोहन यादव ने जयराम रमेश के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केन-बेतवा को लेकर जयराम रमेश ने जो बयान दिया है, उसके पीछे के भाव राहुल गांधी के हैं. इसलिए कांग्रेस को यह स्पष्ट करना होगा कि वह बुंदेलखंड का विकास चाहती है या फिर बुंदेलखंड के विकास की विरोधी है. ऐसे में अब केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर बुंदेलखंड से दिल्ली तक सियासत शुरू हो गई है. क्योंकि इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी बड़ा बयान दिया था. 

कांग्रेस नहीं चाहती बुंदेलखंड का विकास: सीएम मोहन 

सीएम मोहन यादव ने कहा ' ये बात सही है कि जहां विकास का काम होता है, हमारे संकल्प की पूर्ति होती है तो कांग्रेस के पेट में दर्द होता है, लेकिन जयराम रमेश जो बोल रहे हैं, उसके पीछे के भाव राहुल गांधी और कांग्रेस परिवार के हैं, ये शब्द केवल जयराम रमेश के नहीं है. कांग्रेस की लाइन ही विकास विरोधी है. इसलिए कांग्रेस के किसी नेता ने इस प्रोजेक्ट की प्रशंसा की है. कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि वह बुंदेलखंड के विकास के साथ में हैं या विकास के विरोध में हैं, कांग्रेस की कथनी बताती है वह बुंदेलखंड की विकास विरोधी है. कांग्रेस ने लंबे समय तक बुंदेलखंड को दबाया है, लेकिन मोदी जी के पीएम बनने के बाद ही इस योजना को प्राथमिकता मिली है.'

जयराम रमेश ने किया था ट्वीट 

दरअसल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने केन-बेतवा लिंक परियोजना को मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए खतरा बताया था. कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में लिखा 'केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से उस टाइगर रिजर्व के 10 प्रतिशथ से अधिक मुख्य क्षेत्र जलमग्न हो जाएगा, न सिर्फ बाघों के आवास बल्कि गिद्धों जैसी अन्य प्रजातियां भी नष्ट हो जाएंगी. पारिस्थितिकी तंत्र दो भागों में बंट जाएगा. 23 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने हैं. कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के कारण गंभीर रूप से व्यवधान उत्पन्न होगा, तीन सीमेंट कारखानों की योजना बनाई जा रही है, जिनमें से एक पार्क के आसपास पहले ही चालू हो चुका है.' उनके इसी बयान पर सीएम मोहन यादव ने पलटवार किया है. 

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अखिलेश यादव पर भी दिया बयान 

वहीं योजना की शुरुआत के दिन सपा प्रमुख और यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने भी एक ट्वीट कर इस योजना को स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का सपना बताया था. उन्होंने लिखा 'नदियों को जोड़ना, देश को जोड़ने का काम होता है' इसी बड़ी सोच के साथ अपने नेताजी ने 'देश में सबसे पहले दो राज्यों की नदियों को जोड़ने की परियोजना' की संकल्पना की थी और मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री जी के साथ केन-बेतवा लिंकिंग प्राजेक्ट के एमओयू को हस्ताक्षरित कर के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को प्रस्तुत किया था. इस परियोजना के पीछे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी, पेय जल और विद्युत उत्पादन के साथ-साथ सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के जल स्तर मे सुधार और इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए निवेश व पर्यटन के नये दरवाज़े खोलकर आत्मनिर्भरता बढ़ाने और पलायन को रोकने का बड़ा नजरिया काम कर रहा था. अगर वर्तमान केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सही प्राथमिकता दी होती तो नेताजी का ये महान कार्य और पहले ही शुरू होकर अब तक पूर्ण हो जाता.'

जिस पर सीएम मोहन यादव ने कहा 'मैं तो यही कहूंगा कि अखिलेश जी ने हमारी तारीफ की है, क्योंकि उनका कहना है कि नदी जोड़ो नेताजी का सपना था. लेकिन उन्हें यह कांग्रेस से पूछना चाहिए कि अटलजी की सरकार जाने के बाद उनके इस सपने को तोड़ा था. इसलिए अखिलेश जी को यह सवाल कांग्रेस से पूछना चाहिए. बता दें कि केन-बेतवा लिंक परियोजना की शुरुआत के साथ ही राजनीति भी गर्माती नजर आ रही है, जिसकी चर्चा बुंदेलखंड से लेकर दिल्ली तक चल रही है. क्योंकि यह योजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए अहम मानी जा रही है. 

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