Dhirendra Shastri News: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के समक्ष फिर हुई घर वापसी! करीब 100 लोग फिर बने सनातनी
Bageshwar Dham Dhirendra Shastri: सागर में भागवत कथा के दौरान करीब 95 लोग बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सामने मंच से आशीर्वाद लेकर घर वापसी की है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म से विमुख लोगों को वापस लाने का अभियान जारी रहेगा.
Dhirendra Krishna Shastri Katha in Sagar: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की बात करें तो वह अक्सर चर्चा में रहते हैं और अक्सर उनको लेकर खबरें सामने आती रहती हैं. अब धीरेंद्र शास्त्री से संबंधित एक और बहुत ही बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समक्ष करीब 95 लोगों ने घर वापसी की है. सागर में चल रही भागवत कथा के दौरान 95 लोग वापसी कर सनातन धर्म में वापस आ गए हैं. भागवत कथा के दौरान वे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के समक्ष मंच से आशीर्वाद लेकर घर वापसी की है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म से विमुख लोगों को वापस लाने का अभियान जारी रहेगा.
बता दें कि सागर के बहरिया में चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन हजारों की संख्या में लोग जुटे. गौरतलब है कि बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन बांके बिहारी नगर में बहेरिया स्थित बड़े शंकर जी के सामने किया गया है. जिसमें प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचते थे.
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एक बार फिर विवादों में धीरेंद्र शास्त्री
हाल ही में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री हैहयवंशी समाज के देव सहस्त्रबाहु को लेकर दिए अपने बयान को लेकर एक बार फिर विवादों में घिर गए. जिसके बाद उन्होंने अपनी बातों पर खेद जताते हुए सफाई दी. बढ़ते विरोध के बाद बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने देव सहस्त्रबाहु को लेकर दिए बयान पर खेद जताया.
उन्होंने ट्वीट किया था 'विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है. एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है. वह हमारे पवित्र हिन्दू-शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है.' आगे धीरेंद्र शास्त्री ने लिखा 'हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था. न ही कभी होगा क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं. फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है. हम सब हिन्दू एक हैं. एक रहेंगे. हमारी एकता ही हमारी शक्ति है.'