पीयूष शुक्ला/पन्ना: डायमंड सिटी के नाम से विश्व विख्यात मध्यप्रदेश (MP News) का पन्ना जिले (Panna News) के हीरों को जीआई टैग (GI Tag) मिलेगा. इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अब जीआई टैग मिलने से पन्ना के हीरे की खास पहचान स्थापित हो जाएगी. एनएमडीसी द्वारा संचालित एकमात्र मशीनीकृत खदान भी पन्ना में है. जिले में उत्पादित हीरों को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने पिछले दिनों चेन्नई में जीआई रजिस्ट्री का आवेदन दिया था. जीआई टैग मिलने की पुष्टि के साथ ही अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पन्ना हीरों की चमक बढ़ जाएगी.  गौरतलब है कि पन्ना में हीरा व्यवसाय से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा.


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पन्ना पूरे देश में हीरों की खानों के लिए प्रसिद्द
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश का पन्ना शहर पूरे देश में हीरे की खदानों के लिए प्रसिद्ध है और यह मनोरम शहर अपनी प्रसिद्ध हीरे की खानों से जगमगाता है. बता दें कि "डायमंड सिटी" के नाम से मशहूर पन्ना में कई तरह के बेशकीमती रत्न पाए जाते हैं.


जीआई टैग कौन प्रदान करता है?
जीआई टैग भारत सरकार द्वारा पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक के कार्यालय के माध्यम से प्रदान किया जाता है. 1999 में भारत की संसद द्वारा लागू किए गए रजिस्ट्रेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जीआई टैग प्रदान किया जाता है. भारत में पहला जीआई टैग 2004 में पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग चाय को प्रदान किया गया था.


जीआई टैग के फायदे?
जीआई टैग पंजीकृत उत्पादों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, दूसरों को समान नाम का उपयोग करने या समान भौगोलिक मूल का दावा करने से रोकता है. यह ऑथेंटिसिटी और क्वालिटी के साइन के रूप में कार्य करता है, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय लेवल पर प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ती है. बता दें कि जीआई टैग मिलने से रोजगार के अवसर और राजस्व वृद्धि के द्वार खुलते हैं, जिससे प्रोडक्ट्स और लोकल इकोनॉमी को लाभ होता है.