Dindori News: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले से पिछले दिनों शराबी शिक्षकों की लिस्ट बनने का मामला सामने आया था. जबकि अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. आपको जानकार हैरानी होगी कि डिंडौरी के एक प्राथमिक स्कूल में पदस्थ सरकारी शिक्षक की जगह दिहाड़ी मास्टर बच्चों को पढ़ाने के लिए आता है, क्योंकि यहां पदस्थ मास्टरजी पूरे दिन शराब पीकर पड़े रहते है इसलिए उन्होंने अपनी जगह 150 रूपये दिन के हिसाब से एक युवक को रखा है जो बच्चों को उनकी जगह पढ़ाता है. डिंडौरी जिले में अब तक 24 शिक्षक ऐसे मिल चुके हैं जो हर दिन शराब पीकर स्कूल आते हैं. इन शिक्षकों की वजह से यह जिला लंबे समय से सुर्खियों में बना हुआ है. 


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यह है पूरा मामला 


मामला डिंडौरी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर अमरपुर ब्लॉक के टिकरा टोला का है. एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोपहर के समय एक टीम स्कूल पहुंची जहां बच्चों को पढ़ा रहे युवक से उसका नाम पूछा तो पूरे मामले का खुलासा हुआ. युवक ने बताया कि उसका नाम महेंद्र सिंह परस्ते है, वह स्कूल में पदस्थ सरकारी शिक्षक मत्ते सिंह मसराम की जगह पर पढ़ाने के लिए आता है. 


150 रुपए मिलती है दिहाड़ी 


बच्चों को पढ़ा रहे महेंद्र सिंह परस्ते ने बताया कि मत्ते सिंह मसराम उसे हर दिन 150 रुपए देते हैं. मत्ते सिंह के बारे में पूछे जाने पर बताया कि वे घर पर होंगे. उन्होंने कहा कि वे अक्सर बीमार रहते हैं. इसलिए शिक्षक की जगह वह पढ़ाने आता है. वहीं अगर महेंद्र को खुद कोई काम आ जाता है तो फिर उस दिन स्कूल बंद रहता है. मामले की जांच में पता चला कि शिक्षक मत्ते सिंह अपने घर पर सो रहे थे. परिजन ने जगाया तो बाहर आए. उनकी जुबान लड़खड़ा रही थी और पैर भी डगमगा रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए सो रहा था, पढ़ाने जाता हूं. थोड़ी देर बाद वह गमछा लपेटे ही स्कूल पहुंच गया. 


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शिक्षक ने रसोई गैस के 6 हजार रुपए लिए


स्कूल में ओर इधर-उधर छानबीन की तो पता चला एक कमरे में मध्याह्न भोजन बनता है. कमरे में खाना बना रही महिला से पूछताछ की गई तो महिला ने बताया कि लकड़ी नहीं है, वह खुद ही जुगाड़ करके लकड़ी लेकर आई है तब कही जाकर खाना बनेगा. इस बारे में डिंडौरी के गुणवत्ता निरीक्षक आनंद मौर्य ने बताया कि आज से चार पहले शिक्षक ने रसोई गैस के 6 हजार रुपए निकाल लिए थे.  इसकी जांच करवाई जा रही है. 


इस स्कूल में 31 बच्चे पढ़ते हैं. गांव के लोगों ने बताया कि 1997 में मत्ते सिंह मसराम शिक्षक बने थे तब से ही वह स्कूल में पदस्थ हैं. लेकिन वह हमेशा शराब के नशे में रहते हैं, ऐसे में गांव के बच्चों का भविष्य दिहाड़ी पर रखे शिक्षक महेंद्र सिंह परस्ते के हाथ में है. अगर कोई शिकायत करने अधिकारियों के पास जाता है तो शिक्षक मत्ते सिंह घर आकर झगड़ा करने लगता है. हालांकि अब मामला सामने आने के बाद जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त संतोष शुक्ला ने मामले की जांच का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तरीय संचालक और ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर को भेजकर मामले की जांच करवाएंगे. अगर मामला सही होगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


बता दें कि इससे पहले भी डिंडौरी जिले के स्कूल शिक्षा अधिकारी ने सरकारी स्कूलों में पदस्थ शराबी शिक्षकों की लिस्ट बनाने के आदेश दिए थे. जहां मेहदवानी और डिंडोरी ब्लॉक में 24 शराबी शिक्षकों के नाम सामने आए थे. इनमें से किसी का भी मेडिकल अब तक नहीं कराया गया है. इसलिए इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.  मामला कोर्ट पहुंचने पर शिक्षक ये कहकर बच जाते हैं कि वे शराब के नशे में नहीं थे. लेकिन शिक्षकों की इस हरकत की वजह से यह मामला चर्चा में बना हुआ है. 


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