बड़वानी: बड़वानी प्रशासन ने दीपावली व पड़वा पर पटाखे के रुप से उपयोग की जाने वाली हिंगोट को बनाने, संग्रहण, क्रय व विक्रय करने या चलाने पर 21 अक्टूबर से 21 नवंबर तक प्रतिबंध लगाया है. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध विस्फोटक अधिनियम के तहत दंडित किया जाएगा. गौरतलब है कि बड़वानी जिले में दिवाली पर चलाई जाने वाली हिंगोट को लेकर चर्चित है. यहां दिवाली पर जमकर हिंगोट चलाई जाती है, जिसको अवैध तरीके से यहीं के लोग बड़ी मात्रा में निर्मित करते है और खासकर हिंगोट का उपयोग पड़वा के दिन किया जाता है. जिसमे युवा समूहों में एक दूसरे पर हिंगोट छोड़ते है जिससे कई बार लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते है.


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उपयोग से बचने की सलाह
हिंगोट को लेकर कलेक्टर जहां प्रशासन को अलर्ट कर इसके उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए है. वहीं आमजन से भी अपील की है कि हिंगोट बनाने या चलने को लेकर उनके पास जानकारी हो तो वो प्रशासन को सूचना दें. ताकि इसपर रोक लगाकर सम्बन्धितों के खिलाफ़ कार्यवाही की जा सके. इसके साथ उन्होंने अपील भी की है कि इसके उपयोग से बचें.


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क्या होता है हिंगोट?
दरअसल हिंगोरिया पेड़ का फल होता है हिंगोट, इसे हिंगोटा भी कहा जाता है. यह देखने में नींबू से कुछ बड़ा होता है जिसका बाहरी आवरण बेहद सख्त होता है. यह चंबल के किनारे जंगलों में अधिक पाया जाता है. हिंगोट युद्ध के लिए महीनों पहले चंबल नदी से लगे इलाकों के पेड़ों से हिंगोट तोड़कर जमा कर लिए जाते हैं.


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