Shiv Puja Niyam: महाशिवरात्रि पर शिवजी की पूजा में न करें ये गलतियां, वरना हो जाएगा तहस-नहस!
shivji ji ki puja me na karen ye galtiyan: यदि आप भगवान शिव के भक्त हैं और महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के किसी प्रसिद्धि या आस-पास के मंदिर में पूजा करने जानें का प्लान बना रहे हैं, तो इस दौरान आपको कुछ बातों विशेष ख्याल करना चाहिए, वरना आपको पूजा करने का पूरा फल नहीं मिलेगा.
Mahashivratri Shiv Puja Niyam: भगवान शिव अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. इसी वजह से इन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करते हैं, वो संसार के हर सुख-सुविधा का भोग करता है. लेकिन ज्योतिष (ashtrology)की मानें तो भगवान शिव (lord shiva) की पूजा में कुछ नियमों का सख्ती से यदि पालन नहीं करते हैं तो वे नाराज भी हो जाते हैं. भगवान शंकर जिस पर नाराज हो जाते हैं. उन्हें बर्बाद होने से कोई नहीं रोक सकता है. महाशिवरात्रि का महापर्व नजदीक (mahashivratri 2023) है. आप भी महादेव (mahadev) की पूजा के लिए आस-पास या किसी प्रसिद्ध शिव मंदिर (shiv mandir) में पूजा करने प्लान बना रहे होंगे. ऐसे में आइए जानते हैं जानते है कौन सी वो गलतियां हैं, जिसे भगवान शिव की पूजा में नहीं करना चाहिए.
शिवजी की पूजा में न करें ये गलतियां
यदि आप चाहते हैं कि भगवान शिव की पूजा ऐसे करें की भगवान शिव प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद दें और हमें पूजा का पूरा फल मिलेत तो आपको इन बातों को जरुर ध्यान रखें.
भगवान शिव का दुग्धाभिषेक या जलाभिषेक करते समय इस बात का ख्याल रखें गलती से भी लोहे या स्टील से बने पात्र का अभिषेक में उपयोग न करें. जब भी भगवान शिव का अभिषेक करें तो तांबे, पीतल, कांसा, चांदी या अष्टधातु से बने लोटे का प्रयोग करें.
भगवान शिव के अभिषेक में गलती से भी भैंस के दूध का न करें, वरना उसका फल नहीं मिलता है. इसका ख्याल रखें. शिवलिंग पर कुमकुम या सिंदूर, हल्दी गलती से भी न चढ़ें.
भगवान शिव के पूजा में खंडित अक्षत यानी टूटे हुए चावल का प्रयोग न करें, वरना आपके लिए मुसीबत पैदा कर सकता है. शिव जी की पूजा में तुलसी पत्ते का प्रयोग वर्जित है.
भगवान शिव के पूजा अभिषेक के दौरान ना तो शंख बजाएं और ना ही किसी अन्य तरीके से शंख का उपयोग करें. वरना आपके पूजा का फल नहीं मिलेगा.
महाशिवरात्रि पूजन विधि
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद केसर मिश्रित जल से अभिषेक करें और चंदन का तिलक लगाएं. साथ ही बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. साथ ही ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें. इस दिन शिव पुराण का पाठ जरूर करें. ऐसा करने से भगवान भोलनाथ की कृपा से हमारे सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)