Electricity Amendment Bill 2021 के खिलाफ मोर्चा, देखिए आपकी जेब पर क्या पड़ेगा फर्क
केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ बिजली कर्मचारियों (Electricity Employees) और इंजीनियरों ने मोर्चा खोल दिया है. मामला इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 (Electricity Amendment Bill 2021) से जुड़ा हुआ है, जिसका विरोध किया जा रहा है.
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ बिजली कर्मचारियों (Electricity Employees) और इंजीनियरों ने मोर्चा खोल दिया है. मामला इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 (Electricity Amendment Bill 2021) से जुड़ा हुआ है, जिसका विरोध किया जा रहा है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी आंदोलन में शुरू हो गया है. ग्वालियर (Gwalior) के रोशनी घर बिजली मुख्यालय पर बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय विद्युत मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इसे अभी साकेंतिक प्रदर्शन कहा जा रहा है. इसके बाद पूरे मध्य प्रदेश में भी 15 दिसंबर को विद्युत संशोधन विधेयक 2021 का विरोध होगा. बता दें इसके विरोध में दिल्ली के जंतर मंतर संसद मार्ग पर बड़ा प्रदर्शन होगा.
आपकी जेब पर क्या पडे़गा फर्क
इसी के साथ 1 फरवरी 2022 यानी संसद के बजट सत्र के दौरान भी एक दिन के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया जाएग. विद्युत संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में मध्य प्रदेश में बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन यूनाइटेड फोरम के बैनर तले किया जाएगा. इसी कड़ी में प्रदेशभर में विरोध दर्ज करवाया जाएगा. यहां सवाल ये है कि इस बिल का विरोध क्यूं हो रहा है. इसके आने से आपकी जेब पर क्या फर्क पडे़गा. समझिए यहां.....
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बिजली कंपनियों को सीधे सब्सिडी नहीं मिलेगी
चुनावों के समय नेताओं को बिजली का बिल माफ करने के वादे करते अक्सर देखने में आता है. इसका कनेक्शन बिजली संशोधन विधेयक से जुड़ा है, जो संसद के विंटर सेशन में सरकार लाने की तैयारी में है. इस कानून के आने के बाद आपको क्या फर्क पड़ेगा ये समझना जरूरी है. सबसे जरूरी बात ये कि इसके बाद सरकारें बिजली कंपनियों को सब्सिडी नहीं दे सकेंगी. ये सब्सिडी सीधे आपके खाते में डाली जाएगी. इसका मतलब ये है कि आप अपना बिजली का बिल पूरा यानि पहले से ज्यादा भरेंगे. जो सब्सिडी सरकार की तरफ से दी जाएगी, वो आपके अकाउंट में आएगी. आम जनता को यही पता होता है कि हम तो बिल पूरा भरते हैं, फिर सब्सिडी कहां मिल रही है.
बिजली संशोधन विधेयक की जरूरी बातें
दरअसल ग्राहकों से जो बिल लिया जाता है, उससे ज्यादा खर्च बिजली कंपनियों का होता है. दावा किया जाता है कि बिजली कंपनियां नुकसान में रहती हैं और जनता को सस्ती बिजली देती हैं. इस नुकसान की भरपाई होती है सरकारी सब्सिडी से, जिसे लेकर ये बदलाव किए जा रहे हैं. यहां देखिए बिजली संशोधन विधेयक की जरूरी बातें...
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*पहले ये कि राज्य सरकारें बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी देती हैं. इसके बाद कंपनियां बिजली के रेट तय करती हैं. अब अगर सरकार ये सब्सिडी रोक दे तो बिजली के दामों पर असर पड़ेगा.
*सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी लेट होती है या उसमे कोई भी बदलाव होता है तो इसका असर बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों पर पड़ता है. इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2021 के तहत कंपनियां दाम बढ़ा सकती हैं, जिसके बाद पूरा असर आपकी जेब पर होगा, लेकिन सरकार इसकी भरपाई सब्सिडी सीधे आपके खाते में डालकर करेगी. इस विधेयक का सबसे ज्यादा विरोध करने वालों में किसान भी शामिल हैं. किसान संगठनों का मानना है कि इससे उन पर बुरा असर पड़ेगा.
*इसे लेकर एक और संशय ये है कि बिजली का कनेक्शन मकान, जमीन या दुकान मालिक के नाम पर होता है, तो ऐसे में किराएदार को सब्सिडी कैसे मिलेगी. इसके साथ ही ऐपकी बिजली की खपत के हिसाब से सब्सिडी तय होगी, जिसके लिए 100% मीटरिंग जरूरी है. लड़ाई इस बात पर है कि कई राज्यों में बिना मीटर बिजली दी जा रही है. ऐसे में सब्सिडी के हकदार कैसे बनेंगे.
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