अभय पाठक/अनूपपुर: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के डूमरकछार के बैगान टोला में हाथियों के झुंड ने ग्रामीणों के घरों व फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. अनाज की तलाश में घरों से मकाई, चावल की खोज में पहुंचे हाथियो ने घरों से अनाज निकालकर खाया. ग्रामीणों के घरों की दीवारों को क्षतिग्रस्त भी किया. इतना ही खेतों में भी धान और गन्ने की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया. हाथियों के आगमन से ग्रामीण दहशत में हैं. बीते 27 सितंबर से छतीसगढ़ सीमा से मध्य प्रदेश की सीमा में 40 हाथियों के झुंड ने प्रवेश किया है. अनूपपुर जिले के मलगा टांकी क्षेत्र में अभी भी अपना डेरा जमाए हुए हैं.


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आपको बता दें की हाथियों के रिहायशी इलाकों के आसपास विचरण करने की वजह से बुधवार देर रात डूमर कछार के कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को नगर परिषद डूमर कछार के पौराधार के पक्के सार्वजनिक भवनों में शिफ्ट कर दिया गया था. इस वजह से कोई जनहानि तो नहीं हुई. मगर गरीबों का काफी नुकशान हुआ है. हालांकि हाथियों की लोकेशन पर वन विभाग व प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए हैं. 


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वहीं दहशत के साये में अपने घरों को छोड़कर सामुदायिक भवन में रात गुजारने को मजबूर ग्रामीणों ने वन विभाग से जनहित में मांग की है कि इन हाथियों के झुंड को सही रास्ता दिखाकर वापस छतीसगढ़ भेजा जाए ताकि आमजन सुरक्षित रह सकें और वे अपने घरों को वापस लौट सकें.


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सांसद प्रतिनिधि सुनील चौरसिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सीमा मरवाही से इन हाथियों का झुंड डूमर कछार इलाके में आया हुआ है. अभी कोल माइंस के इलाके झिरिया और कथान इलाके में देखे जा रहे हैं. ग्रामीणों की फसलों और घरों को नुकसान हुआ है. उन्होंने मांग की कि वन विभाग ग्रामीणों को पहुंचने वाले नुकसान का सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा प्रदान करे.


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