अभय पाठक/अनूपपुर:  उमस भरे मौसम के बीच मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिलें में आंखों का संक्रमण (आई फ्लू) तेजी से फैल रहा है. हर 10 में से छह मरीज इसी संक्रमण के आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से अत्यधिक उमस से भरी हुई बारिश हुई है. ऐसे में यह संक्रमण तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. संक्रमित व्यक्ति से कुछ पल के लिए नजर मिलते ही अच्छा भला स्वस्थ व्यक्ति भी इस संक्रमण की चपेट में आ रहा है. खासकर बच्चों पर इसका असर तेजी से हो रहा है. लाल आंखें, तेज दर्द इस मौसमी बीमारी के लक्षण हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि परिवार में किसी एक सदस्य को यह संक्रमण हुआ नहीं कि अगले दो-तीन दिन में कई सदस्य इसकी चपेट में आ जाते हैं. वैसे तो बारिश के मौसम में आई फ्लू की संभावना रहती है और हर साल कुछ लोग इसकी चपेट में आते है. मगर इस बार तो केवल अनूपपुर जिला चिकित्सालय में 4 दिनों में 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए है. इस बीमारी का प्रकोप सबसे अधिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं पर देखने को मिल रहा है.


Eye Flu Virus: देश भर में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय


डॉक्टरों ने लोगों को सतर्क रहने की दी सलाह 
घरों से लेकर स्कूल तक इससे प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में चिकित्सकों द्वारा लोगों से एहतियात बरतने और भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी जा रही है. सिविल अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की लाइन लगी है. अकेले जिला चिकित्सालय में ऐसे मरीजों की संख्या 60 प्रतिशत तक है. घरों से बाहर निकलने वाले इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं.


कई सालों बाद ऐसा हुआ
अनूपपुर में ऐसा कई सालों बाद देखने को मिल रहा है. जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग में रोजाना औसतन 100 मरीज आते हैं. इनमें से 50 से ज्यादा इसी संक्रमण के आ रहे हैं. जिला चिकित्सकों के अनुसार आई फ्लू एक मौसमी बीमारी है. यह आंखों को बेहद तकलीफ देती है. इसे वायरल कंजक्टिवाइटिस भी कहते हैं. यह आम संक्रमण है. इसकी चपेट में काफी लोग आ रहे हैं.


यह बरतें सावधानी
जिला चिकित्सालय की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सारीवान ने बताया कि आंखों में आई-फ्लू के लक्षण हैं तो तुंरत उसका डॉक्टर से चेकअप करवाएं. आंखों पर बार-बार हाथ ना लगाएं, घरों में बच्चों से एवं परिवार के लोगों से दूरी बरतें हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें.  अपनी आंखों को समय-समय पर धोएं. अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहन कर जाएं. पीड़ित व्यक्ति से आई कांटेक्ट बनाने से बचें.