बच्चे को मिला परिवार तो पुलिस-डॉक्टर की आखें भी हुईं नम, 12 दिन पहले रेलवे ट्रैक पर मिला था लावारिस
Madhya Pradesh News: दमोह के जिला अस्पताल में चिड्रन बार्ड का माहौल उस वक्त भावुक हो गया जब एक लावारिस बच्चे को उसका परिवार मिल गया. सभी को खुशी थी कि उसके माता-पिता मिल गए, लेकिन उसके जाने का दुख भी था. क्योंकि बच्चा 7 दिनों से हॉस्पिटल स्टाफ की देखरेख में था. वह सभी के साथ घुलमिल गया था. सभी के साथ खेलता भी था.
MP News: दमोह जिले के असलाना रेलवे ट्रैक पर मिले एक 4 साल के मासूम के माता-पिता का पता चल गया है. देर रात जब उसका परिवार दमोह के जिला अस्पताल पहुंचा तो सभी की आंखे नम हो गईं. बीते 27 अगस्त को रेलवे ट्रैक पर एक बच्चा मिला था. लावारिश हालात में शरीर पर गंभीर चोट होने की वजह से बेहद दयनीय हालत में था. ये बच्चा कौन है कहां का है कहां से आया? इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था. गंभीर हालत में मासूम को दमोह के जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया और उसका इलाज चल रहा था.
दमोह पुलिस इस बच्चे के बारे में पता लगा रही थी कि सोशल मीडिया पर एक मुहिम चली. दो दिन पहले ये पता चला कि मासूम छिंदवाड़ा जिले का है और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट जीआरपी छिंदवाड़ा में दर्ज है. उसके माता पिता से सम्पर्क किया गया और बीती देर रात मासूम का परिवार दमोह पहुंचा है. देर रात दमोह पुलिस के साथ जैसे ही परिजन अस्पताल के अंदर गए पूरा माहौल गमगीन हो गया. 27 तारीख से बच्चे की केयर करने वाला नर्सिंग स्टाफ हो या फिर उसकी सुरक्षा में लगा पुलिस स्टाफ मासूम के माता पिता से उसके मिलने का पल देखकर भावुक हो गए.
22 अगस्त को छिंदवाड़ा से गायब हुआ था बच्चा
स्टाफ के मुताबिक, इतने दिनों में इस मासूम से सबका लगाव हो गया था. बच्चा चला जायेगा बुरा लगेगा ,लेकिन उसके माता पिता मिल गए इसकी खुशी सबको है. मासूम के माता पिता के मुताबिक, 22 अगस्त को छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन से बच्चा गायब हुआ था. दमोह कैसे पहुंचा ये पता नहीं. इसे लेकर जीआरपी जांच कर रही है. वहीं इस पूरे एपिसोड में अहम किरदार निभाने वाले दमोह कोतवाली के प्रभारी आनंद सिंह के मुताबिक गुरुवार को विधिवत मासूम को उसके परिजनों को दिया जाएगा.
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वो चला जाएगा तो याद आएगी: स्टाफ नर्स
जिला अस्पताल दमोह की स्टाफ नर्स लक्ष्मी मरकाम का कहना है कि बच्चे को करीब एक हफ्ते पहले हॉस्पिटल लाया गया था. उसकी हालत बहुत खराब थी. इलाज के दौरान उसकी पूरी देखरेख स्टाफ ने ही की. उसने शुरू में घरवालों को याद करते हुए परेशान किया था, हालांकि, वह भी सभी के साथ घुलमिल गया था. अच्छे से खेलता था. इन दिनों में उसके साथ अच्छा लगने लगा था. अब वह चला जाएगा तो उसकी याद आएगी. थोड़ा बुरा भी लगेगा, लेकिन उसके माता-पिता मिल गए इस बात की बहुत खुशी है.
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