भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल मामले की होगी उच्च स्तरीय जांच, एक्शन में मोहन सरकार
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भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल मामले की होगी उच्च स्तरीय जांच, एक्शन में मोहन सरकार

Bhopal Sarojini Naidu School: भोपाल के सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने बुधवार को प्रदर्शन किया था, जिसके बाद मोहन सरकार ने मामले की जांच के निर्देश  दिए हैं. 

भोपाल की खबरें

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल (नूतन स्कूल) में उस वक्त हंगामा हो गया, जब यहां की छात्राओं ने बुधवार को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्राओं का आरोप था कि स्कूल में देर से आने पर स्कूल की मैनेजर उनसे साफ सफाई करवाती हैं और घांस भी कटवाती हैं. इसी बात से नाराज छात्राओं ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और स्कूल में तोड़फोड़ भी की. इस दौरान कई छात्राएं बेहोश हो गई थी. दोपहर में हुए इस मामले में शाम तक मोहन सरकार एक्शन में आ गई. स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने मामले में जांच की बात कही है. 

मोहन सरकार करेगी उच्च स्तरीय जांच 

सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल के विवाद को लेकर मोहन सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा 'मेरे ध्यान में भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल में बेटियों के द्वारा प्रदर्शन का विषय आया है. मैंने अधिकारियों से बात की है. बेटियों की समस्याओं का निराकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम इसकी उच्च स्तरीय जांच करा रहे हैं, जो भी दोषी होगा वो बख्शा नहीं जायेगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी किस्म की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. खासकर बेटियों के मामले में हमारी सरकार विशेष संवेदनशीलता के साथ निर्णय करती है.'

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भोपाल के कांग्रेस विधायक भी पहुंचे थे स्कूल 

सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल में प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे, जबकि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी स्कूल पहुंचे थे. छात्राओं की बात सुनने के बाद स्कूल की एचआर मैनेजर वर्षा झा को स्कूल से हटा दिया गया है. बताया जा रहा है कि स्कूल की मैनेजर आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन हैं और उन्हें एक महीने पहले ही स्कूल में पदस्थ किया गया था. छात्राओं का आरोप था कि वह स्कूल में आर्मी के रूल फॉलो करवा रही थी और उसी हिसाब से छात्राओं को सजा देती थी. हालांकि मामले में स्कूल की प्रिंसिपल मालिनी वर्मा ने भी छात्राओं को समझाते हुए कहा कि छात्राओं की नाराजगी स्कूल की मैनेजर से हैं दूसरे टीचर्स से नहीं है. ऐसे में प्रिंसिपल के दखल के बाद छात्राओं ने प्रदर्शन खत्म कर दिया था. 

छात्राएं हो गई थी बेहोश 

दरअसल, मामले ने तब ज्यादा तूल पकड़ लिया जब प्रदर्शन के दौरान करीब 15 छात्राएं बेहोश हो गई, जिसके बाद आनन-फानन में छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां सभी का इलाज किया गया. छात्राओं का आरोप है कि एक मिनट स्कूल लेट पहुंचने पर भी उन्हें स्कूल के बाहर खड़ा कर दिया जाता था. ऐसे में छात्राएं भड़क उठी और उन्होंने प्रदर्शन शुरू किया था. मामले में कांग्रेस के नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा था. वहीं अब सरकार ने मामले में जांच निर्देश दिए हैं. 

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