अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2022 में पन्ना टाइगर रिजर्व पर बनी फिल्म हुई सेलेक्ट
International Film Festival 2022: मध्य प्रदेश के पन्ना में एक समय बाघों का आस्तित्व खत्म हो गया था. इसे फिर से बाघों की दहाड़ से गुंजाया गया. इसी पर एक फिल्म बनी जिसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2022 के लिए चुना गया है. ये सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी एक उपलब्धि है.
पियूष शुक्ला/पन्ना: पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ पुनर्स्थापना योजना पर बनी फिल्म 'एमराल्ड जंगल, रिटर्न ऑफ द टाइगर्स' को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल-2022 के लिए चुना गया है. इसका प्रदर्शन अगले महीने लॉस एंजिल्स में किया जाएगा.
80 मिनट की है फिल्म
करीब 80 मिनट की यह फिल्म मुंबई के डायरेक्टर सोमेखी लेखी द्वारा बनाई गई है. बता दें कि इसे पूरे एक साल तक अलग-अलग लोकेशन में शूट किया गया. चार माह का समय इसके पोस्ट प्रोडक्शन में लगा है. फिल्म में यह बताने की कोशिश है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में दोबारा बाघों का संसार कैसे आबाद हुआ. प्रबंधन को इसके लिए किन संघर्षों से जूझना पड़ा है.
बाघिन टी-1 की कहानी पर आधारित है फिल्म
फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा का कहना है कि फिल्म बाघिन टी-1, उनकी दोनों बेटियां पी-151 व पी-141 और इन बेटियों के शावकों पर फिल्माई गई है. इसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के खूबसूरत नजारे भी हैं.
लॉस एंजिल्स में की जाएगी फिल्म प्रदर्शित
लॉस एंजिल्स के कैटलीना द्वीप के प्रसिद्ध थियेटर एवलान में 23 से 25 सितंबर तक फिल्म प्रदर्शित की जाएगी. इससे पहले 21 व 22 सितंबर को फिल्म को लांग बीच यूएसए में प्रदर्शित किया जाएगा. भारत में हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में यह फिल्म रिलीज की गई है जो 40-40 मिनट के दो हिस्सों में डिवाइड है.
ऐसे बढ़ा था पन्ना में बाघों की कुनबा
जानकारी के अनुसार, 2008 में बाघ विहीन हो चुके पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघ टी-3 ने इबारत लिखी है. पन्ना टाइगर रिजर्व में आज 80 के लगभग छोटे-बड़े बाघ हैं. ये देश व दुनिया के पर्यटकों का मन मोह रहे हैं. मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व 2008-2009 में पुनर्स्थापना योजना लागू की गई थी. बांधवगढ़ से बाघिन टी 1, कान्हा से बाघिन टी 2 और पेंच से नर बाघ T-3 को लाया गया था. बाघ टी 3 के संपर्क में आने के बाद बाघिन टी 1 ने अप्रैल 2012 में पहली बार में 4 शावकों को जन्म दिया था. इसके बाद फरवरी 2015 में दूसरी बार में 4 और शावकों को जन्म दिया. बाघिन टी 2 ने पहली बार में चार और दूसरे में 2 शावकों को जन्म दिया. सभी बाघ टी 3 की संतानें थी. धीरे-धीरे बाघों के बढ़ने सिलसिला चलता रहा.
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