Fraud in Mahakal Mandir Ujjain: उज्जैन: बाबा महाकाल के धाम में फर्जी टिकट (Fake Ticket) बनाकर भस्म आरती दर्शन (Bhasma Aarti) करवाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि एक और मामला जल अभिषेक (Jal Abhishek) के नाम पर फर्जी रसीद का सामने आया है. पूरे मामले में दो व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसका खुलासा मंदिर समिति ने प्रेस नोट जारी करके किया है. 


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समिति ने जारी किया प्रेस नोट
समिति की ओर से बताया गया है कि विष्णु बैरागी व योगेंद्र राठी के नाम से थाना महाकाल पर शिकायत दर्ज करवाई गई है. इन्होंने फर्जी रसीद बनाकर श्रद्धालुओं से 750 की जगह 1500 रुपए ऐंठे हैं. 4 श्रद्धालु ज्योति दिल्ली वह भोपाल से आए थे इनसे कुल 6200 लिए गए हैं.


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इस तरह से की गई ठगी
दिल्ली निवासी श्रद्धालु हनीश सहगल, आशीष सहगल, विष्णु शंकर पांडे और भोपाल निवासी मुकेश ने मंदिर कार्यालय पंहुचकर लिखित शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि वे विधिवत रसीद प्राप्त कर जल अभिषेक करना चाहते थे. तब उन्हें गेट नंबर 4 पर विष्णु बैरागी व योगेंद्र राठी नाम के दो व्यक्ति मिले दोनों ने 1500 प्रति व्यक्ति राशि मांगी. उन्होंने 3100 नकद और 3100 ऑनलाइन लिए.


श्रद्धालुओं ने बताया कि इसके बाद विष्णु बैरागी व योगेंद्र राठी ने उन्हें गेट नं. 04 से प्रवेश करवाया और विश्राम धाम चांदी द्वार चेकिंग कॉउंटर पहुंचे जंहा चेकिंग में रसीद फर्जी होना पाया गया.


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कहां करें शिकायत
पूरे मामले में मंदिर समिति ने दोनों व्यक्तियों की शिकायत महाकाल थाना में की है. दोनों व्यक्तियों के बारे में पता किया जा रहा है कि यह कौन है. मामले में मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि इस तरह की शिकायत मंदिर के नंबर 0734 2551295 व 18002331008 पर तुरंत करें.


पहले भी आ चुकें हैं केस
बता दें मंगलवार के दिन कुल 7 आरोपियों को न्यायालय से जेल भेजने की कार्रवाई की गई. इसमें मंदिर पुजारी, कर्मचारी, सिक्योरिटी गार्ड शामिल थे. उन्होंने दिल्ली के श्रद्धालुओं से 4500 से ऐंठे थे. उन्हें फर्जी रसीद बनाकर भस्म आरती के लिए प्रवेश करवाने की कोशिश की थी. लेकिन, दो व्यक्ति पकड़ा गए और इनसे पूछताछ के आधार पर कुल 7 लोगों को पकड़ा गया था.


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सही टिकट लेना जरूरी
अब दोबारा यह मामला जलाभिषेक के नाम पर सामने आया है. इसी के साथ इस तरह के मामले कहीं ना कहीं मंदिर प्रबंध समिति के लिए चुनौती बन गए हैं. हालांकि, मंदिर समिति की ऑनलाइन बारकोड टिकट व्यवस्था से धोखाधड़ी पकड़ में आना अच्छी व्यवस्था साबित हुई है.