खरगोन: मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh ) के खरगोन जिले के रायबिडपुरा गांव की छात्रा कल्पना गुर्जर ( Kalpana Gurjar )  ने अन्तर्राष्ट्रीय ब्रिज प्रतिस्पर्धा इटली में स्वर्ण पदक जीता है. अंडर 26 के सिंगल इवेंट में इतिहास रचने वाली कल्पना ने भारत के लिये गोल्ड मेडल हासिल किया है. इटली में विश्व स्तरीय ब्रिज प्रतिस्पर्धा ( International Bridge Competition ) में उन्होंने अपना दम दिखाते हुए रविवार की देर रात तक चली इस स्पर्धा में कल्पना अंतिम राउंड में स्वर्ण पदक ( gold medal ) पाने में  सफल हुई हैं. घर लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया.


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मुख्यमंत्री ने दी बधाई
कल्पना की जीत पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया 'मध्यप्रदेश के खरगोन के रायबिडपुरा गांव निवासी सुश्री कल्पना गुर्जर को इटली में आयोजित सातवीं विश्व ब्रिज स्पर्धा में अंडर-26 महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हार्दिक शुभकामनाएं. आपकी जीत से प्रदेश गौरवान्वित है। इससे अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरणा प्राप्त होगी.



48 देशों के 152 खिलाड़ी हुए थे शामिल
खरगोन के रायबिडपुरा की 2 छात्रा शामिल हुईं थी. बावन ताश के पत्तो से खेले जाने वाले ब्रिज खेल में विश्वभर के 48 देशों के 152 खिलाड़ी प्रतियोगिता में शामिल हुए थे. बीते रविवार की देर रात तक चली इस स्पर्धा में कल्पना अंतिम राउंड में स्वर्ण पदक पाने में  सफल हुई हैं. अंडर 26 में सिगल इवेंट में इतिहास रचने वाली कल्पना ने भारत के लिये गोल्ड मेडल हासिल किया है.


अमृत महोत्सव में मिली कामयाबी
आजादी के अमृत महोत्सव के साथ कल्पना की उपलब्धि से गृह जिले खरगोन और रायबिडपूरा में ख़ुशी का माहौल है. तीन दिन पहले रायबिडपुरा की कल्पना गुर्जर और विध्या पटेल ने पेयर इवेंट में रजत पदक जीता था. कल्पना गुर्जर व विद्या पटेल के प्रथम सेगांव आगमन पर रेवा गुर्जर समाज द्वारा पुष्पहारों से स्वागत किया गया. इस दौरान सरपंच, उपसरपंच और गांव के बुजुर्गों ने उन्हें बधाई और आशीर्वाद दिया.


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ग्रामीण कर रहे प्रोत्साहित
ग्रामीणों का कहना है कि अब गांव की 2 लड़कियों का अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेना और एक का गोल्ड मेडेल जीत कर लाना, गर्व की बात है. इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर अब गांव में इस खेल को बढ़ावा देने की पहल की जाएगी. छात्र-छात्राओं को इसकी तैयारी करने के लिए उचित संसाधन और माहौल दिया जाएगा. ताकि भविष्य में ज्यादा से ज्यादा मेडल मिल सके.