भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शराब बंदी को लेकर जंग छिड़ी हुई है. हाल ही में शराब बंदी (Liquor Ban) के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) के मुखर बयान सामने आए थे. उन्होंने सरकार को चेतावनी दी थी कि जरूरत पड़ी तो वो शराब बंदी के लिए खुद सड़कों पर उतरेंगी. वहीं अब दूसरी तरफ प्रदेश में शराब की खपत बढ़ाने को लेकर मंथन की तैयारी चल रही है. इसे लेकर एक बैठक रखी गई है. ये बैठक प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग की अध्यक्षता में होगी.


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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक का आयोजन


जानकारी के मुताबिक मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक का आयोजन किया गया है. जिसमें आबकारी आयुक्त सहित विभाग के सभी अधिकारियों को शामिल होने के निर्देश हैं. बैठक में प्रदेश में शराब की खपत बढ़ाने को लेकर मंथन किया जाएगा. इसके बाद मध्य प्रदेश में शराब बंदी को लेकर फिर से सियासत गरमाने के आसार दिखाई दे रहे हैं.


उमा भारती उठा चुकी हैं शराबबंदी की मांग


बता दें कि लंबे समय से मध्य प्रदेश में शराबबंदी पर गहमागहमी चल रही है. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एमपी में शराबबंदी की बात फिर से कही थी. वो इससे पहले भी कई बार शराबबंदी की मांग उठा चुकी हैं. शराबबंदी को लेकर उमा भारती ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से भी अपील की थी. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी देते हुए खुद सड़कों पर उतरने का ऐलान भी किया था. उन्होंने कहा था कि शिवराज सरकार नशा जागरुकता को लेकर बात करती है, जिसे जल्द पूरा करना चाहिए. उमा भारती ने कहा था कि 'हम शराबबंदी को लेकर 14 जनवरी से अभियान चलाएंगे और इस को लेकर प्रदेश की महिलाएं समर्थन करेंगी और सड़कों पर उतरेंगी. हालांकि बाद में सीएम शिवराज से मुलाकात के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए थे. 


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मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की चेतावनी के बाद भी सरकार का मूड कुछ अलग दिखाई दे रहा है. शराब बंदी की जगह शराब खपत वृद्धि को लेकर चर्चा पर ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे में देखना होगा कि उमा भारती का क्या रुख रहता है. शराब की खपत बढ़ाने को लेकर बैठक फिर से सियासी पारा गरम कर सकती है.


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