भारत सरकार ने दी CM बघेल के प्रस्ताव को मंजूरी,मिड-डे मील में शामिल होगा मिलेट्स
Millets in Mid-Day Meal: भारत सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मिड-डे मील में मिलेट्स शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद प्रदेश के 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन सोया चिक्की की जगह बाजरा से बने खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे.
रूपेश गुप्ता/रायपुर: मिलेट्स को लेकर बहुत ही बड़ी खबर सामने आई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स को शामिल करने के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. बता दें कि अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना (Pradhan Mantri Poshan Shakti Yojana) के तहत छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर सप्ताह में चार दिन स्कूली बच्चों को मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थ वितरित किए जाएंगे.
पीएम पोषण के डायरेक्टर द्वारा दी गई मंजूरी
छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप लोक शिक्षण संचालनालय (directorate of public instruction) द्वारा केन्द्र सरकार को इस योजना को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य सामग्री वितरित किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था. जिसके बाद अब इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के पीएम पोषण के डायरेक्टर द्वारा मंजूरी दे दी गई है.
भारत सरकार ने दी CM बघेल के प्रस्ताव को मंजूरी,मिड-डे मील में शामिल होगा मिलेट्स
राज्य में मिलेट्स के उत्पादन के लिए भरपूर प्रोत्साहन
उल्लेखनीय है कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन के लिए किसानों को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है. कोदो, कुटकी-रागी जैसे मिलेट्स का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है. इसके अलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जा रही है.वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष (International Millet Year). घोषित किया गया है.
मिलेट क्या होते हैं?
अगर आप कुछ दिनों से कई जगहों पर मिलेट शब्द सुन रहे हैं, लेकिन आप ये जानते ये है क्या? तो हम आपको बता दें कि मोटे अनाज को मिलेट कहते हैं. यह दो प्रकार का होता है एक मोटा दाना और दूसरा छोटा दाना. मिलेट में ज्वार , बाजरा, चेना (चीना), सामा या सांवा और रागी , झंगोरा, बैरी, कंगनी, कुटकी, कोदो और जौ आदि शामिल हैं.