प्रियांशु यादव/ग्वालियर: ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya scindia), कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट और महेंद्र सिंह सिसोदिया के खिलाफ परिवाद दायर किया है. इसमें उनके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. कांग्रेस लीगल सेल के अधिवक्ता ने जेएमएफसी कोर्ट में मानहानि को लेकर परिवाद दायर किया है.


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बता दें कि इस मामले में  अधिवक्ता नितिन शर्मा ने इंदरगंज थाना पुलिस को 24 अप्रैल को शिकायती आवेदन दिया था. आवेदन पर पुलिसिया कार्रवाई नहीं के बाद नितिन शर्मा न्यायालय पहुंचे है. अब कोर्ट ने फिलहाल परिवाद को स्वीकार कर लिया है.


MP News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, मानहानि मामले में आरोप तय


क्या कहा अधिवक्ता ने
कांग्रेस के लीगल सेल अधिवक्ता नितिन शर्मा ने कहा कि कई दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि इन तीनों मंत्रियों ने खुले मंच से पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. इसके बाद हमने इसका आवदेन थाने में दिया था. लेकिन शिकायत दर्ज नहीं हुई. अब जेएमएफसी रुपाली उईके की कोर्ट में यह परिवाद दायर किया है. जिसमें मांग की गई है कि राजनेताओं द्वारा ऐसी दोयम दर्जे की भाषा का इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए और इनके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153 क और 499 के तहत अपराध दर्ज किया जाए.  कोर्ट ने परिवाद स्वीकार लिया है, जिसकी सुनवाई 8 मई को होगी.


दिग्विजय-सिंधिया में जुबानी जंग
गौरतलब है कि आगामी चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में वार-पटलवार लगातार चल रहा है. इसी कड़ी में शाजापुर में दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस मं रहते हुए उन्होंने शिक्षकों के हक में सड़क पर उतरने की बात की थी, लेकिन बीजेपी में जाने के बाद वो सब भूल गए. उन्होंने ये भी कहा था कि महाकाल सिंधिया जैसा नेता कांग्रेस में दूसरा कोई पैद न हो. इस पर सिंधिया ने पटलवार करते हुए उन्हें देश विऱोधी बताते हुए भविष्यम में भारत में पैदा नहीं होने की कामना की थी.