5 राज्य, 3500 किलोमीटर का सफर, फिर भी `कटिहार गैंग` को नहीं पकड़ पाई पुलिस, जानें कारण
mp news-ग्वालियर में 28 दिन पहले लूट की वारदात देने वाली गैंग की तलाश में एमपी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है. करीब 3500 किलोमीटर पीछा करने के बाद भी पुलिस के हाथ कटियार गैंग तक नहीं पहुंच पाई है.
madhya pradesh news- बिहार की कटियार गैंग को पकड़ने में मध्यप्रदेश पुलिस के हाथ खाली है. करीब 28 दिन पहले ग्वालियर में हुई पांच लाख रुपए की लूट के मामले में पुलिस ने एमपी, यूपी, उत्तराखंड, ओडिशा, बिहार और दिल्ली तक दबिश दी लेकिन परिणाम कुछ नहीं मिला. गैंग का मास्टरमाइंड और सदस्य नट जाति समुदाय से हैं. गैंग की खासियत है कि ये लोग मोबाइल फोन नहीं रखते हैं.
वारदात से पहले और बाद में मोबाइल पर बात नहीं करते हैं, इस गैंग की यह खूबी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है.
ग्वालियर पुलिस के हाथ खाली
कटिहार गैंग ने 25 नवंबर को पीएचई के ठेकेदार के हाथ से पांच लाख रुपए छीने थे. वारदात को अंजाम देने वाले दो बदमाश सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे. जांच के दौरान पहली लोकेशन राजस्थान के धौलपुर में मिली थी. दूसरी बार बदमाशों के फुटेज आगरा में मिले थे. इस गैंग के मास्टरमाइंड से लेकर सभी सदस्य 'नट' समुदाय से हैं. यह जब गैंग बनाते हैं तो उसमें समुदाय के लोगों को ही शामिल करते हैं, क्योंकि यह किसी पर भरोसा नहीं करते हैं.
मोबाइल से हैं दूर
पुलिस की टीम एमपी, यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, दिल्ली,बिहार और ओडिशा में कटिहार गैंग की तलाश में जुटी हुई है, लेकिन पुलिस के हाथ गैंग का एक भी सदस्य नहीं लगा है. पुलिस के अनुसार गैंग मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करती है. मोबाइल इस्तेमाल नहीं करने की वजह से पुलिस को इनकी लोकेशन नहीं मिल पा रही है. गैंग के सदस्य बड़े ही शातिर हैं अगर किसी के मोबाइल होता भी है तो वह हर दिन में नंबर बदल देता है. किसी तरह पुलिस इन तक पहुंचती है तो गैंग पहले ही वहां से निकल जाती है.
कई जगह कर चुके हैं लूट
बिहार का कहियार गैंग मध्यप्रदेश के देवास में बैंक के बाहर लूट की वारदात को अंजाम दे चुका है. इसके अलावा ओडिसा में भाई-बहन से 7.5 लाख की लूट की थी, वहीं उत्तराखंड में भी स्टेट बैंक के सामने लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. ग्वालियर के अलावा इस गैंग के CCTV फुटेज धौलपुर राजस्थान के सैंया, आगरा, ओडिशा, देवास, उत्तराखंड में मिल चुके हैं