Madhya Pradesh News In Hindi: 8 मार्च को देशभर में महिला दिवस मनाया गया. इस मौके पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किये गये. इसी बीच ग्वालियर में एक अनोखी पहल देखने को मिली. दरअसल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्वालियर के बिजौली थाने में ट्रैक्टर चलाकर बुआई और जुताई प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. बेलन और हंसिया थामे महिलाओं ने पहली बार ट्रैक्टर की स्टीयरिंग थामी. घुंघट की चारदीवारी के भीतर रहने वाली महिलाओं को पहले ट्रैक्टर चलाना सिखाया गया और फिर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.


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पुलिस की अनूठी पहल
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ग्वालियर पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल के मार्गदर्शन में ग्वालियर पुलिस की ओर से नव प्रशिक्षु आईपीएस अनु बेनीवाल, एसडीओपी बेहट संतोष पटेल द्वारा रतवाई गांव में एक अनूठी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने ट्रैक्टर चलाने वाली माताओं, बहनों व बेटियों को सम्मानित भी किया.


महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया
इस प्रतियोगिता को लेकर गांव की एक महिला ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में बेलन के अलावा कभी स्टेयरिंग नहीं पकड़ी. आज ट्रैक्टर से जुताई करके बहुत अच्छा लगा. भविष्य में मेरी खेती की बुआई और जुताई समय पर हो सकेगी क्योंकि मैं खुद ट्रैक्टर लेकर खेतों में जा सकूंगी.  बता दें कि आईपीएस अनु बेनीवाल के साथ गांव की नई बहुओं ने भी हल चलाया और कहा कि वे बेलन के साथ ट्रैक्टर भी चलाएंगी. इस पहल को लेकर एक बुजुर्ग दादा ने कहा कि हमारी बहुएं पुलिस को देखकर खुद को घर में बंद कर लेती थीं. मैंने कुछ बहुओं का चेहरा पहली बार देखा है और कभी नहीं सोचा था कि वो ट्रैक्टर चलायेंगी. उन्होंने पुलिस का आभार व्यक्त किया. 


एसडीओपी ने बताया  Women का मतलब
एसडीओपी बेहट संतोष पटेल का कहना है कि नारी का मतलब वीकनेस ऑफ़ मैन नहीं बल्कि विंग ऑफ़ मैन है. केवल वे ही ऊंची उड़ान भर सकते हैं जिनके पीछे एक मजबूत महिला है. वहीं आईपीएस अनु बैनीवाल का कहना है कि एक महिला होने के नाते मेरा कर्तव्य था कि मैं महिलाओं को पर्दे के बाहर की दुनिया दिखाऊं, इसलिए हमारी पुलिस ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रयास किए और भविष्य में भी करती रहेगी.


रिपोर्ट- करतार सिंह राजपूत