उमरिया: बांधवगढ में हाथियों की खातिरदारी का महोत्सव हाथी महोत्सव ( Haathi Mahotsav ) शुरू हो गया है. सात दिवसीय इस आयोजन में हाथियों की विशेष सेवा की जाती है. इस दौरान उन्हें नहलाने-धुलाने, तेल-मालिश करने से लेकर विशेष व्यंजन खिलाए जाते हैं. इन 7 दिनों में हाथियों के पूरे शरीर का चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाता है. पार्क प्रबंधन से लेकर पूरे जिले के लोग इस महोत्सव में हाथियों को देखने के लिए आते हैं.


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अगले 7 दिन चलेगी हाथियों की पिकनिक
उमारिया के बांधवगढ टाइगर रिसर्व में शनिवार से सात दिवसीय हाथी महोत्सव की शुरुआत की गई है. इस आयोजन में बांधवगढ में मौजुड़ 14 पालतू हाथियों की विशेष सेवा कर उन्हें आगामी वर्ष के लिए रिफ्रेश किया जाता है. 


2014 से मनाया जा रहा है हाथी महोत्सव
बता दें ये हाथी वर्ष भर बांधवगढ में वन्य जीवों के रेस्क्यू, वन एवं वन्य जीवों के सरंक्षण में विशेष योगदान देते हैं. जिसके कारण पार्क प्रबंधन बीते वर्ष 2014 हाथी महोत्सव का आयोजन कर इन्हें सात दिवसीय विश्राम देता है और इस दौरान इनसे रेस्क्यू या सरंक्षण का कोई कार्य नहीं लिया जाता है.


खिलाए जाते हैं पसंदीदी व्यंजन
हाथी महोत्सव के दौरान हाथियों को प्रातः से ही महावत स्नान कराते हैं, जिसके बाद उनकी तेल से मालिश की जाती है पैर में हुए घावों का इलाज किया जाता है. फिर मस्तक में चंदन का लेप लगाकर उनकी पूजा की जाती है और उनके पसंदीदा व्यंजन गुड़, गन्ना, केला, सेव, नारियल आदि फल खिलाए जाते हैं.


परिवार से मिलने के लिए दिया जाता है समय
हाथी महोत्सव का आयोजन कर पार्क प्रबंधन हाथियों को उनके परिवार से मिलने जुलने और संसर्ग स्थापित करने का सभी समय देता है. हाथी महोत्सव का आनंद लेने पूरे जिले से लोग पंहुचते हैं और हाथियों की पूजा अर्चना कर उन्हें अपने हाथों से व्यंजन खिलाते हैं. पार्क प्रबंधन द्वारा इस वर्ष से हाथियों का प्रबंधन और देख-रेख करने वाले महावतों को स्वीम ड्रेस दिलाने का प्रस्ताव रखा है जो भीषण ठंडी के मौसम में हाथियों को स्नान कराते समय उन्हें ठंड से बचाएगा.


इन हाथियों को महारत हासिल है
बांधवगढ में वर्तमान में नर मादा एवं बच्चे मिलाकर कुल 14 हाथी हैं, जिसमे गौतम नामक हाथी की उम्र सबसे ज्यादा 74 वर्ष की है. बांधवगढ में वन्य जीवों के सरंक्षण में जितना प्रबंधन काम करता है उतना ही ये हाथी हाथ बंटाते हैं. मुश्किल से मुश्किल जगहों पहाड़ों, खोह नदी नालों में फंसे वन्य जीवों को रेस्क्यू करने में इन हाथियों को महारत हासिल है और यही वजह है कि बांधवगढ में वन्य जीवों का सरंक्षण दुनिया भर में प्रसिद्ध है.