Holi 2023: यहां बंदूक की गोली से जलाते हैं होली, जानें होलिका दहन की अनोखी परंपरा का कारण
Holi 2023: होली और होलिका दहन (Holika Dahan) को लेकर हमारे देश में कई मान्यताएं और परंपराएं है. ऐसी ही एक परंपरा (Unique Tradition) निभाई जाती है मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में आने वाले सिरोंज (Sironj Vidisha) में. जहां बंदूक की गोली से आग जलाकर होलिका दहन (List Holi With Gunshots) की जाती है.
Holi 2023: विदिशा। देशभर में होलिका दहन (Holika Dahan) की तैयारी होने लगी है. पंचांग के अनुसार कुछ जगहों पर आज और कुछ जगहों पर कल होलिका दहन किया जाएगा. होली को लेकर हमारे देश में कई मान्यताएं और परंपराएं (Unique Tradition) हैं. इन्हीं में से एक है मध्य प्रदेश के विदिशा जिले की सिरोंज (Sironj Vidisha) में निभाई जाने वाली परंपरा. सिरोंज में सैकड़ो साल से बंदूक की गोली से आग जलाकर होली जलाने List Holi With Gunshots) की परंपरा है. जो आज भी बदस्तूर जारी है. आइये जानते हैं इसके बारे में
कब से जारी है ये परंपरा
धर्माचार्य पं नलिनीकांत शर्मा ने बताया कि यह बड़ी होली होलकर राज्य में रावजी की होली कहलाती थी. उस समय भी सूखी घांस, रुई आदि रखकर बंदूक से फायर कर आग उत्पन्न की जाती थी. उसी आग से होली जलाई जाती थी. बाद में होल्कर स्टेट के कानूनगो परिवार द्वारा बंदूक से फायर कर होली जलाई जाने लगी जो आज भी जारी है.
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नबाबों ने की तोड़ने की कोशिश
वर्तमान समय मे भी कानूनगो माथुर परिवार इस परंपरा का निर्वाहन कर रहा है. इस परिवार के वंशज महेश माथुर ने एक कथा भी इस संदर्भ में बताई. उन्होंने कहा कि जब सिरोंज में नबाबी शासन आया तो होली की इस परंपरा पर रोक लगाने का प्रयास किया गया. तब होली के चबूतरे पर घांस का एक ठेर (गंज) लगा दिया गया. जिस पर उनके पूर्वजों ने बंदूक से फायर कर होली जला दी थी. उसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी यह परंपरा चली आ रही है.
यहां होली खेलने से डरते हैं लोग...
छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) के कोरबा (korba) जिले में 2 ऐसे गांव है, जहां पिछले 150-160 साल से लोगों ने रंग-गुलाल नहीं उड़ाए. गांव वाले होली ना मनाने की वजह देवी माता के प्रकोप को बताते है. होली का त्यौहार सालों से बेरंग मनाते है, इन गांवों में होली के दिन पकवान तो बनते है पर गांवो में होलिका दहन नही होता और ना ही रंग-गुलाल उड़ाए जाते है. जानिए क्या है यहां की कहानी