Hot Water Side Effects: सर्दियों में अगर आप पी रहे हैं ज्यादा गर्म पानी तो हो जाएं सावधान, शरीर को होंगे ये नुकसान
Hot Water Side Effects: सर्दियों में गर्म पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक होता है.इसे अधिक मात्रा में पीने से शरीर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इससे आपको तमाम तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं.
Hot Water Drinking Disadvantages in Winter: इस समय मध्य प्रदेश समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस ठंड से बचने के लिए ज्यादातर लोग गर्म पानी पीना पसंद करते हैं.कुछ लोग रोजाना गर्म पानी पी रहे हैं, जिससे उन्हें सर्दी, जुकाम, खांसी न हो. हालांकि ज्यादा गर्म पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक होता है. जिससे शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
शरीर में पानी की कमी हो सकती है
रोजाना गर्म पानी पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है. इससे रिहाइड्रेशन होता है और होंठ सूख जाते हैं और पैरों में दर्द होने लगता है.
हार्ड स्टूल
गर्म पानी पीने से हार्ड स्टूल हो जाता है. जिससे आपके पेट में कब्ज की समस्या हो जाती है और पेट में दर्द होने लगता है. इससे स्टूल सूख जाता है और बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है.
इसोफेगस खराब हो जाता
रोजाना गर्म पानी पीने से एसोफैगस (अन्नप्रणाली) खराब हो जाता है.अन्नप्रणाली भोजन नली है जो मुंह और पेट को जोड़ती है.अधिक गर्म पानी पीने से इस पाइप में दाने निकल आते हैं और इस पाइप में जलन होने लगती है. जिसमें दर्द और जलन काफी देर तक रहती है.
किडनी की समस्या
कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, किडनी में एक विशेष प्रकार की केशिका प्रणाली होती है. जो शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल देती है. बता दें कि ज्यादा गर्म पानी पीने से किडनी खराब हो सकती है.
एकाग्रता प्रभावित
एक शोध से पता चला है कि अगर आप बिना प्यास के ढेर सारा गर्म पानी पीते हैं तो इससे आपकी एकाग्रता पर असर पड़ता है. जब आपका पीने का मन करे तभी गर्म पानी पिएं क्योंकि अधिक मात्रा में गर्म पानी पीने से दिमाग की कोशिकाओं में सूजन आ जाती है.जिससे मन से संबंधित परेशानी हो सकती है.
नींद नहीं आती
एक अध्ययन से पता चला है कि रात को सोते समय गर्म पानी पीने से अधिक पेशाब आता है, जिससे आपके सोने का तरीका बदल जाता है और रात को नींद नहीं आती है.
इलेक्ट्रोलाइट्स पतला हो जाता है
बहुत अधिक गर्म पानी पीने से रक्त में इलेक्ट्रोलाइट्स कोशिकाओं की तुलना में पतले हो जाते हैं. रक्त और कोशिकाओं के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए रक्त से कोशिकाओं में पानी खींचा जाएगा. इससे कोशिकाओं में सूजन आ जाती है. इससे मस्तिष्क में कपाल पर दबाव बनता है. जिससे सिरदर्द होता है.