IAS नियाज खान की किताब `ब्राह्मण द ग्रेट` का दूसरा पार्ट लॉन्च, शुद्धिकरण से मोहब्बत तक जानिए सबकुछ
Brahman The Great Book: एमपी के आईएएस नियाज खान एक बार चर्चा में हैं, उन्होंने अपनी बुक `ब्राह्मण द ग्रेट` का दूसरा पार्ट भी लॉन्च कर दिया है.
IAS Niyaz Khan Book: मध्य प्रदेश के आईएएस नियाज खान अपनी पुस्तक 'ब्राह्मण द ग्रेट' को लेकर चर्चा में रहे हैं, उनकी इस बुक का दूसरा पार्ट भी उन्होंने लॉन्च कर दिया है. जिसमें उन्होंने ब्राह्मणों, सनातन धर्म और सर्वोच्च सत्ता समेत कई बातें लिखी हैं. उनकी इस बुक में भारतीय लिबास को प्राथमिकता देने और भ्रष्टाचार पर कठोर दंड की व्यवस्था की बात की गई है. उपन्यास का मुख्य पात्र, ब्राह्मण शुभेंद्र उर्फ जूनियर कौटिल्य, भारत को एक सनातन राष्ट्र में बदलने का सपना देखता है, जहां पर ब्राह्मणों को प्रमुख मार्गदर्शक और कार्यकारी भूमिका में रखा जाएगा. उन्होंने देश में लोकतंत्र के स्थान पर धर्मतंत्र को लाने की बात की, जहां गाय को प्रमुख दर्जा प्राप्त होगा. सनातन राष्ट्र को ऐसा बनाना बताया गया है जहां पर लोगो को फ्री में कुछ भी नहीं मिलेगा. बर्थ डे, वेलेंटाइंस डे, बॉलिवुड, अंग्रेजी कपड़ो और क्रिकेट पर रोक लगाई जाएगी.
उपन्यास की जानकारी
आईएएस नियाज खान के इस उपन्यास के नायक ब्राह्मण शुभेंद्र उर्फ जूनियर कौटिल्य भारत को ऐसा सनातन धर्म वाला राष्ट्र बनाना चाहते हैं, जहां ब्राह्मण ही सबसे उपर होगा और ब्राह्मण ही सनातन का सर्वाच्च होगा जो देश के सभी पहलुओं पर नजर रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी लोग एक साथ मिलकर प्रेम और सम्मान के साथ रहें और प्रकृति के साथ सामंजस्य में जीवन बिताएं. उपन्यास के अनुसार, इस सनातन राष्ट्र में ब्राह्मणों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी. वे केवल धार्मिक कार्य जैसे पूजा और शिक्षण का काम ही नहीं करेंगे, बल्कि वे देश के प्रशासनिक और न्यायिक मामलों में भी शामिल होंगे. उन्हें देश के सबसे जरुरी कामों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी. ब्राह्मणों को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और सुप्रीम कोर्ट के सलाहकार बनकर अपनी भूमिका अदा करने का अधिकार होगा, संसद भी कानून बनाने से पहले सनातनपति से सलाह लेगी, यह सुनिश्चित करने के लिए कि बनाए गए कानून सनातन धर्म और उसकी मूल विचारधारा के अनुरूप हैं.
पांच बिंदुओं पर आधारित
उपन्यास की थीम इन पांच बिंदुओं पर आधारित होगी. जिसमें पहली थीम में उन्होंने जाति के स्थान पर कर्म आधारित व्यवस्था पर बल दिया. उन्होंने देश में छुआछूत को दंडनीय अपराध बताया और इस पर कठोर दंड देने की व्यवस्था होने की बात लिखी गई. उनकी दूसरी सबसे जरुरी बात जिसमें अगर पर्यटन को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा, ताकि प्रदूषण को खत्म किया जा सकें. तीसरा और मुख्य बिंदू जिसमें उन्होंने हर जिले में एक पब्लिसिटी अधिकारी नियुक्त करने की बात कही, जो ब्राह्मणों और सनातन धर्म की महिमा का मंडन करेगा. उनका चौथा बिंदू भ्रष्टाचार पर आधारित है जिसमें जो कोई भी भ्रष्टाचार करेगा उसे राजद्रोह घोषित कर दिया जाएगा. उनका अंतिम और महत्वपूर्ण बिंदू शिक्षा पर है जो अंग्रेजी भाषा को खत्म कर प्राचीन शिक्षा को महत्व देने की बात पर बल देता है.
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आधुनिक तकनीकी विकास से दूर रहे
इस नए राष्ट्र में जीवन को प्राकृतिक तरीके से जीने पर जोर देने की बात कही गई है. इसके लिए एबीएसएस अखिल भारतीय सनातन सेवा शुरू की जाएगी. उपन्यास में कहा गया है कि शिखाधारी आचार्य इस बदलाव को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. ये आचार्य धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा में माहिर होंगे और लोगों को शिक्षा देने का काम करेंगे. उनकी शिक्षा में वे बतायेंगे कि वे प्राकृतिक जीवन शैली अपनाएं और आधुनिक तकनीकी विकास से दूर रहे. उन्होंने विकास के बड़े प्रोजेक्ट्स, जैसे मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, फ्लाई ओवर, और शॉपिंग मॉल्स, को हटा दिये जाने की बात कही क्योंकि उनके अनुसार ये प्राकृतिक सुंदरता और पारंपरिक जीवन शैली को नुकसान पहुंचता है.
गाय को प्राथमिकता
नियाज खान ने इस उपन्यास में गाय को भी प्राथमिकता दी है. इस व्यवस्था में गाय को अत्यंत पवित्र माना जाएगा और इसे विशेष मान्यता दी जाएगी. उपन्यास में यह भी कहा गया है कि देश की मुद्रा और सिक्कों पर गाय और बछड़े का चित्र होगा, ताकि हर जगह गाय की पवित्रता की प्रतीकता बनी रहे. इसके अलावा, उपन्यास में लोकतंत्र की जगह एक नई व्यवस्था की बात की गई है जिसे "धर्मतंत्र" कहा जाएगा. लेखक का कहना है कि लोकतंत्र अंग्रेजों की देन है, इसलिए इसे बदलकर धर्मतंत्र किया जाएगा. ब्राह्मणों को कुछ विशेष अधिकार और सम्मान प्राप्त होगा. ब्राह्मणों को एक खास तरह की पारंपरिक पोशाक पहनना अनिवार्य होगा, जिसमें धोती, कुर्ता, खड़ाऊं और जनेऊ शामिल हैं.
ब्राह्मण धर्म और आध्यात्मिकता के प्रमुख रखवाले होंगे, चारो वेदों को राष्ट्रीय ग्रंथ का दर्जा मिलेगा. बॉलीवुड को सनातन थर्म की बाधा बताई है और इसे पूरी तरह खत्म किये जाने की बात कही और बॉलीवुड को हॉलीवुड की नकल करने वाला बताया, इसे नग्नता और अनैतिकता फैलाने वाला बताया. फिल्मी कलाकारों के मामले में, उपन्यास में यह बताया गया है कि ब्राह्मण आचार्य, जो धार्मिक शिक्षाओं के विशेषज्ञ होंगे, उन्हें शुद्धिकरण की प्रक्रिया से गुजारेंगे और साथ ही सनातन राष्ट्र में संयुक्त परिवार को फिर मौका मिलेगा.
भारतीय लिबास को महत्व, संस्कृत केवल ब्राह्मणों की भाषा
उपन्यास के नायक ने देश में लागू की जाने वाली व्यवस्था में यह भी कहा कि सनातन राष्ट्र में कोई भी गोरों के कपड़े नहीं पहन सकेगा. भारतीय लिबास को महत्व मिलेगा, सभी भारतीय वेष-भूषा पहनेंगे. संस्कृत को सिर्फ ब्राह्मणों की भाषा होना बताया बाकि सब आमजन के लिए हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा बोलने की अनुमती होगी. प्रेम मोहब्बत को अपराध घोषित कर खतम किया जाएगा. क्योंकि समाज में सदाचार को खतम करता है और दूराचार फैलाता है. सनातन धर्म के संचालन के लए ग्रामीण क्षेत्रों में ब्राह्मण पुजारियों को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया जाएगा, ताकि वे स्थानीय प्रशासनिक मामलों और कानून व्यवस्था में भी भाग लें.
आधुनिक त्यौहार और गतिविधियों पर रोक
नायक के शासन में फ्रीबीज पर रोक की बात कही गई. सार्वजनिक उपयोग के लिए किसी भी चीज को मुफ्त में नहीं दिया क्योंकि यह सनातन धर्म की आत्मा के खिलाफ है. सभी को पसीना बहाकर कमा कर खाने का मौका दिया जाएगा. आधुनिक त्यौहार और गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी जिसमें बर्थ डे, वेलेंटाइंस डे, और क्रिकेट को बंद किया जाएगा क्योंकि ये सब अंग्रेजों की देन है. कबड्डी और कुश्ती ही प्रमुख खेल होंगे.
नोट: यह सब जानकारी आईएएस नियाज खान की पुस्तक 'ब्राह्मण द ग्रेट' पार्ट-2 पर आधारित है.
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