प्रिया पांडे/भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के दिव्यांग बच्चों के हित में बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश के श्रवण-बाधित बच्चों को एक बार फिर चिन्हित किया जाएगा, जिससे बाल श्रवण उपचार योजना में छूटे हुए बच्चों को योजना का लाभ मिल सके. 1 जून से अभियान की शुरुआत हो रही है. अभियान के तहत चिन्हित बच्चों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. 


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30 जून तक चलेगा अभियान
1 जून से शुरू हो रहे अभियान के तहत 4 साल से कम श्रवण-बाधित बच्चों को चिन्हित करना शुरू किया जाएगा. 30 जून तक चलने वाले इस अभियान में चिन्हित बच्चों को चिन्हांकन के बाद नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज मुहैया कराया जाएगा. इसके अलावा अन्य अस्पतालों में जरूरत के मुताबिक सुविधआएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. 


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प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा बोर्ड 
मेडिकल बोर्ड की ओर से चिन्हित बच्चों को हियरिंग एड के लिए नि:शक्तता प्रमाण-पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा फ्री में इलाज के लिए पैकेज में कॉकिल्यर इम्पलांट सर्जरी के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए, परिवहन के लिए दो हजार और इम्पलांट के बाद फॉलोअप के लिए एक लाख 28 हजार रुपए की राशि निर्धारित की गई है.


NHM MD ने जारी किए जरूरी निर्देश 
NHM MD प्रियंका दास ने जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किए हैं. आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में एक अप्रैल 2023 तक 4 साल से कम आयु वाले श्रवण-बाधित बच्चों को चिन्हित करेंगी. इनमें आंशिक रूप से श्रवण-बाधित और संदेहास्पद रूप से परिलक्षित बच्चे शामिल होंगे. चिन्हांकन के बाद आशा कार्यकर्ता इन बच्चों को 1 जुलाई से 31 जुलाई तक आंगनवाड़ी केंद्र में प्राथमिक जांच के लिए लाएंगी. ANM इन सभी बच्चों की पुष्टि के लिए जांच करेंगी और फिर  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जरिए इलाज की प्रक्रिया शुरू होगी. चिन्हांकित श्रवण-बाधित बच्चों को हेयरिंग एड देकर प्राथमिक उपचार दिया जाएगा.