राजू प्रसाद/इंदौर: पापा, मुझे माफ कर देना...सूदखोरों से परेशान होकर इंदौर शहर में एक सैलून संचालक ने फांस लगा ली. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है. आरोप है कि सूदखोरों से एक सैलून संचालक इतना प्रताड़ित हो गया कि उसने अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली. मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी पुलिस को मिला है, जिसमें उसे सूदखारों के नाम लिखे हैं. गांधीनगर पुलिस ने आरोपियों पर प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.


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इन्दौर के ग़ांधी नगर थाना क्षेत्र के अरिहंत नगर में रहने वाले 38 वर्षीय दामोदर परमार सैलून संचालक थे. उन्होंने आर्थिक दिक्कतों के चलते कुछ रूपए ब्याज पर लिए थे. काफी राशि उन्होंने लौटा भी दी थी लेकिन फिर भी सूदखोर लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे, जिसके चलते उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. मृतक ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि पापा, मुझे माफ कर देना और बच्चों का ध्यान रखना. मैं बहुत परेशान था और मेरा मानसिक संतुलन भी खराब कर दिया इन लोगों ने, इसलिए मुझे यह कदम उठाना पड़ा. सॉरी पापा. नंदनी, मोना और कुश अपना ख्याल रखना और तेरी मम्मी का.


मृतक ने सूदखोरों के नाम भी सुसाईड नोट में लिखें है, जो छोटू शुक्ला, संजय जैन, गोलू कुशवाह, मनीष पुरी गोस्वामी अरिहंतनगर है. बताया जा रहा है कि नोट में लिखा है कि पान की गुमटी वाला सुरेश सेन कराड़िया की वजह से मैंने जान दे दी. इनको सजा मिलना चाहिए. मामले में गांधीनगर पुलिस ने सुसाइड नोट और परिजनों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है और जांच जारी है. TI रमेश चंद्र भास्करे ने मीडिया को बताया कि अरिहंत नगर निवासी दामोदर (38) ने बुधवार दोपहर अपने घर में जहर खा लिया. पता लगने पर परिजन अस्पताल पहुंचे. वहां इलाज के दौरान दमोदर की उसी दिन देर शाम मौत हो गई. 


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