World Tribal Day 2022: इंदौर से कमलनाथ करेंगे कांग्रेस के बड़े अभियान का आगाज
World Tribal Day 2022: कमलनाथ kamal nath आज इंदौर Indore के पातालपानी Patalpani से विश्व आदिवासी दिवस पर होने वाले आयोजनों की शुरुआत करेंगे. कांग्रेस congress के इस अभियान में पार्टी के सभी बड़े दिग्गज नेता जुटेंगे.
आकाश द्विवेदी/भोपाल। विश्व आदिवासी दिवस world tribal day पर आज कांग्रेस congress प्रदेश भर में आयोजन करेगी. कांग्रेस आज विश्व आदिवासी दिवस और भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनायेगी, जिसके लिए पार्टी के सभी बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. क्योंकि 2023 से पहले आदिवासियों पर कांग्रेस का पूरा फोक स बना हुआ है. पूर्व सीएम कमलनाथ kamal nath भी आज पातालपानी Patalpani जाएंगे. जहां वे कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे.
आज से 15 अगस्त तक पूरे प्रदेश में कार्यक्रम
कांग्रेस आज से पूरे प्रदेश में भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी से स्वतंत्रता दिवस तक तिरंगा सम्मान महोत्सव और आदिवासी सम्मान उत्सव मनाएगी. इसी के तहत कमलनाथ आज भारत छोड़ो आंदोलन की बरसी पर पातालपानी में टंट्या मामा और जानापाव में भगवान परशुराम को प्रणाम करेंगे. 9 से 15 अगस्त हर जिले में तिरंगा यात्रा यात्रा और आदिवासी सम्मान आयोजन कांग्रेस आयोजित करेगी जिसमें पार्टी के सभी बडे़ नेता शामिल होंगे.
कांग्रेस आदिवासियों की संरक्षक
वहीं कमलनाथ ने विश्व आदिवासी दिवस पर संदेश देते हुए कहा कि 'विश्व आदिवासी दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं, आदिवासी वर्ग हमारी वन संपदा और पर्यावरण के प्रथम प्रहरी के रूप में सदैव जाने जाते है. आदिवासी वर्ग के उत्थान और उन्हें उनका हक़ दिलाने के लिये कांग्रेस सदैव संकल्पित रही है. आदिवासी वर्ग के सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक हितो की न केवल कांग्रेस संरक्षक रही है बल्कि आदिवासी वर्ग की भलाई के लिये हरसंभव कार्ययोजनाएं भी कांग्रेस सरकारों के समय ही संचालित की गयी, जिससे उनके विकास की नई इबारत लिखी गयी.
आज आदिवासी वर्ग निरंतर उत्पीड़न, दमन व अत्याचार का शिकार हो रहा है, उसके हितों की लगातार अनदेखी हो रही है. अब समय आ गया है कि आदिवासी वर्ग अपने अधिकारो की रक्षा के लिये एवं इस अत्याचार, दमन व उत्पीड़न के ख़िलाफ़ मुखर होकर अपनी आवाज बुलंद करे,
संभागवार सौंपी गई बड़े नेताओं को जिम्मेदारी
वहीं कांग्रेस के आयोजन को लेकर अलग-अलग संभागों में बड़े बड़े नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया डॉ गोविंद सिंह, अजय सिंह राहुल अलग-अलग संभागों में कांग्रेस के इस अभियान को देखेंगे.
कांग्रेस का आदिवासी वर्ग पर फोकस
2018 के विधानसभा चुनाव के पहले तक आदिवासी वर्ग का झुकाव बीजेपी की तरफ था. लेकिन 2018 के इलेक्शन में पांसा पलट गया और आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 30 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा केवल 16 सीटें जीत सकी. इसे प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की बड़ी वजह माना गया और प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी. लेकिन पिछले कुछ समय से बीजेपी ने इसी वर्ग पर फोकस किया है. ऐसे में अब कांग्रेस भी अपने पुराने वोट बैंक को साधने में जुट गई है.
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