अमित श्रीवास्तव/इंदौर:  घर की छत पर खेलने गई एक मासूम बच्ची ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई. जिससे मासूम बुरी तरह झुलस गई. इसके बाद परिजन गंभीर हालत में बच्ची को आसपास के दो अस्पताल ले गए, जहां से उसे एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया. बच्ची की जान तो बच गई लेकिन उसके हाथ का एक पंजा डॉक्टरों को काटना पड़ गया. 


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बता दें कि घर के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को लेकर परिवार व गांवों ने कई बार बिजली कंपनी के अधिकारियों को शिकायत की लेकिन ध्यान नहीं दिया. 17 दिनों तक चले इलाज में मासूम की जान बचा ली गई है, लेकिन उसे अब उसे ताउम्र एक हाथ से कामकाज करना होगा.


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घटना अक्टूबर माह की
दरअसल ये घटना 16 अक्टूबर देवास जिले के नेमावर, रेती नाका, खातेगांव में रहने वाले अजबसिंह तंवर के यहां हुई. उनके परिवार में पत्नी व तीन बच्चे हैं. पति-पत्नी नौकरी करते हैं. घटना वाली सुबह पति-पत्नी नौकरी पर गए थे जबकि तीनों बच्चे घर पर ही थे. इस दौरान बड़ी बेटी पायल (8) खेलते-खेलते छत पर गई. इसी दौरान वह ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गई. इसके बाद धमाके के साथ पूरे इलाके की बत्ती गुल हो गई.  इस पर आसपास के लोग बाहर आए और कारण जानने की कोशिश की तो उन्हें छत पर पायल बेसुध पड़ी दिखी. इस पर तत्काल वे ऊपर पहुंचे तो देखा वह करंट की चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गई थी. लोगों ने उसे नीचे उतारकर उसके माता-पिता को सूचना दी गई तो वे घर पहुंचे.


दो अस्पताल के बाद एमवाय रेफर
कुछ देर बाद झुलसी बच्ची को लेकर वे पास ही के हांडिया गांव के अस्पताल ले गए. जहां से उन्हे हरदा रेफर किया गया. वहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का चेहरा, एक हाथ, सीना बुरी तरह झुलस गया व स्थिति गंभीर है. इसके चलते उसे अगले दिन एमवाय अस्पताल रेफर किया गया. यहां डॉक्टरों ने बच्ची का बायां हाथ झुलसा देखकर ऑपरेशन किया. 20 अक्टूबर को ऑपरेशन के बाद भी इन्फेक्शन नहीं रुका तो 1 नवंबर को उसका पंजा ऊपर तक काटना पड़ा. मासूम पायल तीसरी कक्षा में है. ऑपरेशन के पहले उसे नहीं बताया गया था कि उसका पंजा काटा जाएगा. बाद में जब वह होश में आई तो अपने हाथ की स्थिति देख रो पड़ी. उसका दूसरा हाथ भी काफी झुलसा हुआ है. कल जब एमवाय अस्पताल से मासूम को डिस्चार्ज किया गया. तब जाकर यह मामला मीडिया के सामने आया. वहीं पूरा परिवार बेटी के अपंग होने से सदमे में है.


कई बार शिकायत की, नहीं हुई सुनवाई 
मासूम बच्ची की मां का कहना है कि गांव वालों ने कई बार बिजली कंपनी के अधिकारियों को शिकायत की लेकिन हमारी सुनवाई नहीं हुई. इसके चलते कई परिवारों पर खतरा मंडरा रहा है. बात तो सही हैं.. बिजली कंपनी की एक गलती की वजह से आज मासूम जिंदगीभर के लिए दिव्यांग हो गई. अगर समय रहते बिजली अधिकारी गांव वालों की बात सुन लते तो  शायद बच्ची के साथ ये हादसा न होता.