UCC in Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार आती है तो 'समान नागरिक संहिता' (यूसीसी) लागू की जाएगी. बीजेपी ने अपने चुनावी एजेंडे में भी इस वादे को प्रमुखता दी थी. अब उत्तराखंड में इसी महीने UCC लागू होगी.
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UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने राज्य में की गई मुख्तलिफ पहलों का जिक्र करते हुए आज यानी 9 दिंसबर को कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता इसी महीने लागू होगी. उन्होंने यहां कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां समान नागरिक संहिता कानून होगा.
दरअसल, उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद विवाह, तलाक, भरण-पोषण, संपत्ति के अधिकार, गोद लेने और विरासत जैसे कई चीजों में बदलाव होगा. UCC सभी के लिए एक समान कानून है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय का हो. इस अवसर पर आइए जानते हैं कि समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड में क्या बदलाव होंगे.
UCC लागू होने के बाद उत्तराखंड में क्या होंगे बदलाव
जाति, धर्म या संप्रदाय से परे तलाक के लिए एक समान कानून होगा, फिलहाल मुल्क में हर मजहब के लोग अपने पर्सनल लॉ के जरिए इन मामलों को सुलझाते हैं. वहीं, हलाला और इद्दत की प्रथाएं बंद होंगी. लड़कियों को लड़कों के बराबर विरासत में हिस्सा मिलेगा.
लिव-इन रिलेशनशिप को रजिस्टर कराना होगा. आधार कार्ड अनिवार्य होगा. 18 से 21 साल की उम्र के जोड़ों को माता-पिता का सहमति पत्र देना होगा. लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे के समान अधिकार मिलेंगे.
बहुविवाह पर रोक लगेगी. लड़कियों की शादी की उम्र, चाहे वे किसी भी जाति या धर्म की हों, 18 साल होगी. सभी मजहब को बच्चे गोद लेने का अधिकार मिलेगा, लेकिन दूसरे मजहब के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा.
समान नागरिक संहिता के इस मसौदे में अनुसूचित जनजातियों को पूरी तरह से बाहर रखा गया है. ट्रांसजेंडर, पूजा पद्धति, परंपराओं जैसे धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है. विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा. ग्राम सभा स्तर पर भी पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध होगी.
बीजेपी ने किया था वादा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि अगर राज्य में बीजेपी की सरकार आती है तो 'समान नागरिक संहिता' (यूसीसी) लागू की जाएगी. बीजेपी ने अपने चुनावी एजेंडे में भी इस वादे को प्रमुखता दी थी. उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनते ही 'समान नागरिक संहिता' (यूसीसी) लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई थी, पहले माना जा रहा था कि धामी सरकार एक जनवरी 2025 से राज्य में 'समान नागरिक संहिता' (यूसीसी) लागू कर देगी.