MP Politics: मध्य प्रदेश कांग्रेस में आने वाले दिनों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में करारी हार का सामना करना पड़ा था. जबकि जीतू पटवारी अब तक अपनी टीम भी तैयार नहीं कर पाए हैं. क्योंकि जीतू पटवारी अमरवाड़ा उपचुनाव में प्रचार खत्म होने के बाद आज वह दिल्ली दौरे पर जा रहे हैं, जहां पटवारी कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं. पटवारी की कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात हो सकती है. जहां दोनों नेताओं के बीच प्रदेश में संगठन की कसावट को लेकर चर्चा होगी. 


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पांच महीने से नहीं बनी टीम 


दरअसल, विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद जीतू पटवारी को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन उनके अध्यक्ष बनने के पांच महीने बाद भी पटवारी अपनी टीम नहीं बना पाए हैं. लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की पुरानी टीम ही एक्टिव रही थी. पटवारी से पहले कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे, उनकी ही टीम प्रदेश में एक्टिव थी. ऐसे में जीतू पटवारी अब नए सिरे से अपनी टीम बनाने और संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर कांग्रेस आलाकमान के नेताओं से चर्चा करेंगे. खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह उनका पहला दिल्ली दौरा है. जिसमें वह हार का फीडबैक भी आलाकमान के सामने रखेंगे. जबकि प्रदेश में होने वाले उपचुनावों को लेकर भी पटवारी योजनाओं पर चर्चा करेंगे. 


29 सीटों पर मिली थी हार 


पीसीसी चीफ बनने के बाद जीतू पटवारी की पहली अग्निपरीक्षा लोकसभा चुनाव था. लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव हार गई. इस चुनाव में हार के लिए कांग्रेस में कई खामियां नजर आई हैं. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कई सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में गड़बड़ियां हुई हैं, जबकि कई सीटों पर बगावत भी देखने को मिली. कांग्रेस के कई नेता भी बीजेपी में शामिल हुए थे. इन सभी बदली राजनीतिक परिस्थितियों पर आज चर्चा संभव है. 


पटवारी के पास ही रहेगी कमान


लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद दिल्ली से लेकर प्रदेश के सियासी गलियारों में यह चर्चा भी तेजी से उठी थी कि कांग्रेस आलाकमान पटवारी की जगह किसी और नेता को पीसीसी चीफ की कमान दे सकती है. लेकिन फिलहाल इस तरह का बदलाव प्रदेश में होता नहीं दिख रहा है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी अभी पटवारी पर ही भरोसा दिखा सकते हैं. चर्चा यह भी है कि संगठन को नए तरीके से मजबूत करने पर भी कांग्रेस का जोर है. राहुल गांधी भी आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश का दौर कर सकते हैं. क्योंकि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद अब देश के सभी राज्यों का दौरा कर सकते हैं. 


एक चुनाव पूरा दो पर जल्द होगी घोषणा 


मध्य प्रदेश में एक विधानसभा सीट अमरवाड़ा में उपचुनाव का प्रचार खत्म हो चुका है, यहां 10 जुलाई को वोटिंग होगी. जबकि प्रदेश की दो और विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा जल्द होगी. ऐसे में उपचुनावों में भी कांग्रेस पर अच्छा प्रदर्शन करने का दवाब रहेगा. अगर कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करती है तो इससे आगे की राह उसके लिए आसान हो सकती है, लेकिन नतीजें विपरीत आने पर मुश्किलें और बढ़ सकती है. यही वजह है कि जीतू पटवारी का यह दिल्ली दौरा मध्य प्रदेश कांग्रेस के नजरिए से अहम माना जा रहा है. 


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