MP News: नन्हे दृष्टिबाधित कृष्णा को कलेक्टर ने दी 2 एकड़ जमीन,संगीत सीखने के लिए शिक्षक की भी हुई व्यवस्था
Katni News: मध्य प्रदेश के कटनी जिले के नन्हे दृष्टिबाधित कृष्णा के परिवार को कलेक्टर ने 2 एकड़ जमीन लीज पर दी है. इसके साथ ही एक शिक्षक की भी व्यवस्था की गई ताकि वह संगीत सीख सके.
नितिन चावरे/कटनी: प्रदेश के कटनी जिले के बहोरीबंद ब्लॉक के देवरी ग्राम तिंगवा का रहने वाला दृष्टि बाधित बारह वर्षीय कृष्णा चौधरी (Krishna Chowdhary of Katni) कुछ दिनों पहले मीडिया की सुर्खियों में था और सुर्खियों में रहने का कारण था उसकी मधुर आवाज और उसकी ढोलक की थाप.जिसको सुनकर कटनी के जिला कलेक्टर अवि प्रसाद नन्हें बालक से काफी प्रभावित हुए थे.
गौरतलब है कि कृष्णा अपनी आंखों से देख नहीं सकता. कृष्णा देख सके इसलिए उसकी आंखों का ऑपरेशन हो जाए. इसके लिए कलेक्टर ने देश के सबसे अच्छे आंखो के अस्पताल तक कृष्णा को इलाज के लिए भेजा.जहां पर देश के नामचीन डॉक्टर्स द्वारा आंखों की जांच की गई. हालांकि, जांच के बाद आई रिपोर्ट से निराशा ही हाथ लगी, लेकिन कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद, नन्हे गायक कृष्णा के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं. इसलिए आज उन्होंने कृष्णा के परिवार वालों को खेती के लिए 2 एकड़ जमीन का पट्टा दे दिया. जिस से कृष्णा के पिताजी खेती कर के अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.
परिवार का हो सकेगा भरण पोषण
कटनी के जिला कलेक्टर अवि प्रसाद ने बताया कि कृष्णा एक दृष्टि बाधित नन्हा बच्चा है. उसमें संगीत के प्रति गहरी रुचि है और वो ढोलक की थाप पर बहुत अच्छा लोक गीत गाता है वो सब बच्चों की तरह अपनी आंखों से देख सके इसके लिए देश के नामी अस्पतालों के डॉक्टर ने उसकी आंखो की जांच की है. जांच में पाया गया है कि ऑपरेशन के बाद भी उसकी आंखों की रोशनी वापस नहीं आ पाएगी. इस बात का मुझे अफसोस है पर हम उसके भविष्य को बेहतर बनाना चाहते हैं.इसके लिए आज उसी के गांव में 2 एकड़ जमीन दी जा रही है. जिसमें उसके पिताजी खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे.
शिक्षक की व्यवस्था
साथ ही कृष्णा चौधरी की लोकगीतों में रुचि है. इसके लिए जिला कलेक्टर ने उन्हें लोकगीत सिखाने के लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की है. कृष्ण को लोक संगीत सिखा सकता है.
कृष्णा के परिवार को मिली दो एकड़ जमीन
वहीं कृष्णा चौधरी की मां ने प्रेम बाई चौधरी बताया कि जिला कलेक्टर कृष्णा की मदद करना चाहते हैं. पहले आंख के इलाज के लिए बहुत प्रयास किए पर सफल नहीं हो पाए तो अब कटनी के बहोरीबंद इलाके में दो एकड़ अच्छी जमीन दी है. जिससे उसके पिताजी खेती करके अपना घर चलाएंगे. अब कृष्ण किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएगा वो खुद की जमीन पर खेती करके घर चलेगा.