MP News: नितिन चावरे/कटनी। आपने हमेशा सुना होगा की पेट्रोल पंप वाले में पेट्रोल में मिलावट की या फिर नंबर कुछ और दिखा लेकिन, पेट्रोल गाड़ी में कम डाला गया. पर मध्य प्रदेश के कटनी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां 42 लीटर के टैक में 50 लीटर पेट्रोल डाल दिया गया. मामला बढ़ा तो नाप तौल निरीक्षक अपनी टीम के साथ पहुंचे और पेट्रोल टंक खाली कर नाप कराया.


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क्या है मामला?
मामला कटनी के कुठला थाना इलाके के अंतर्गत आने वाले नदी पार स्थित पेट्रोल पंप का है. यहां एक वाहन चालत अपनी कार लेकर पेट्रोल भराने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने टंकी फुल करने के लिए कही. इसपर पंप कर्मचारियों ने कार में 50 लीटर तेल डालने का दावा किया. जबकि, कार का टैंक महज 42 से 45 लीटर का है. इसी बात को लेकर वाहन चालक भड़क गया और विवाद बढ़ गया.


पीड़ित ने क्या कहा
पीड़ित नितिन पाठक का कहना है की वो अपनी मारुति कार लेकर पेट्रोल पंप पहुंचा. कार की टंकी फुल करवाई पर जब गाड़ी की पेट्रोल टैंक की क्षमता कुल 42 से 45 लीटर है. उसमे 50 लीटर पेट्रोल कैसे आ सकता है. नितिन पाठक का कहना है की उन्होंने टंकी खाली कराई तो उसमें 57 लीटर पेट्रोल निकला.


पेट्रोल पंप के संचालक ने दी सफाई
पूरे विवाद में इंडियन ऑयल कंपनी के पेट्रोल पंप के संचालक शशांक चांडक का कहना है की हम उपभोक्ता की संतुष्टि के लिए गाड़ी की टैंक तक खुलवा कर पेट्रोल डाला निकलवाया है. नाप तौल विभाग की टीम आ गई है वो भी पेट्रोल चेक कर रही है. हमारी तरफ से पूरा पेट्रोल गया है. 


नाप तौल निरीक्षक ने क्या कहा
नाप तौल निरीक्षक अपनी टीम के साथ मेनुयली नाप कराया गया फिर कार की टंकी में डालकर फिर वापस निकाला गया फिर कम निकलने पर संदेह बढ़ता गया जांच अधिकारी ने बताया कि मैन्युअली नाप पूरा किया गया. लेकिन, टंकी से पेट्रोल कम निकलना. कही न कही कार की टंकी में स्पेस और कम्पनी मैन्युफेक्चर डिफेक्ट हो सकता है.