टेंशन में चीन-पाकिस्तान! साउथ एशिया में भारत को फायर पावर बनाएगी हाइपरसोनिक मिसाइल, जानें कैसे

भारत ने हाल ही में हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की ओर से विकसित की गई हाइपरसोनिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जो ऐसी रक्षा क्षमताएं विकसित कर रहा है. भारत के अलावा सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास हाइपरसोनिक मिसाइल है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 31, 2024, 03:03 PM IST
  • भारत तेजी से विकसित कर रहा है रक्षा क्षमताएं
  • हाइपरसोनिक मिसाइल से मिलेगी रणनीतिक बढ़त
टेंशन में चीन-पाकिस्तान! साउथ एशिया में भारत को फायर पावर बनाएगी हाइपरसोनिक मिसाइल, जानें कैसे

नई दिल्लीः भारत ने हाल ही में हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की ओर से विकसित की गई हाइपरसोनिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया जो ऐसी रक्षा क्षमताएं विकसित कर रहा है. भारत के अलावा सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास हाइपरसोनिक मिसाइल है.

कई चीनी शहर होंगे जद में

एक्सपर्ट्स की मानें तो इस स्वदेशी मिसाइल ने भारत की रक्षा क्षमताओं को एक अलग स्तर पर पहुंचाया है. इसकी मदद से क्षेत्र में भारत को रणनीतिक रूप से काफी बढ़त मिली है और चीन को 'चुपचाप' रहना पड़ेगा. हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज में तिब्बती पठार से लेकर कई चीन शहर इसकी रेंज में होंगे. यह 1,500 किमी से अधिक की दूरी तक पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों को लगभग 3 किमी प्रति सेकंड की गति ले जा सकती है. 

रणनीतिक रूप से भारत को मिलेगी बढ़त

यह न सिर्फ भारतीय सुरक्षबलों को और मजबूत बनाएगी, बल्कि इसकी रेंज चीनी शहरों चांगजी, उरुमकी, गोलमुंड, उक्सक्तल, झांगये, गुइलिन में पश्चिमी थिएटर कमांड और दक्षिणी थिएटर कमांड के एयरबेस तक रहेगी.

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) की एक रिपोर्ट के मुताबिक,  हाइपरसोनिक मिसाइल की तेज गति, लो-एल्टीट्यूड फ्लाइट और लक्ष्य को सटीकता से भेदने की क्षमता इसे एक बड़ी रणनीतिक बढ़त प्रदान करेगी. साथ ही इसके बाद अब पाकिस्तान की हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमता के लिए चीन पर निर्भरता और बढ़ जाएगी.

भारत तेजी से विकसित कर रहा रक्षा क्षमता

भारत ने 2000 के दशक से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम शुरू हुआ. DRDO ने साल 2004 में पहली बार अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) को पेश किया. 2020 में इसके स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया गया था. इस परीक्षण से भारत ने दिखा दिया है कि वह अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताओं को तेजी से विकसित कर रहा है.

यह परीक्षण ऐसे समय पर हुआ जब दुनिया में हाइपरसोनिक मिसाइलों की होड़ तेज हो गई है. अमेरिका, रूस और चीन लगातार अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 2023 में DF-27 जैसी मिसाइल का परीक्षण किया, जो किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को आसानी से भेदने में सक्षम है.

यह भी पढ़िएः नेवी के हाथ लगने वाली है गेमचेंजर तकनीक, पानी के अंदर चीन-पाकिस्तान पर होगी नजर और उन्हें हवा भी नहीं लगेगी

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप. 

ट्रेंडिंग न्यूज़