सनकी आशिक ने की पार्टनर की हत्या, दुकान के बाद 4 दिन कार में रखा शव, बदबू से खुला राज
एक ओर जहां पूरा देश आफताब और श्रद्धा की घटना से सहमा हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर उसी से मिलती-जुलती वारदात बिलासपुर में भी सामने आई है.
शैलेन्द्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर: एक ओर जहां पूरा देश आफताब और श्रद्धा की घटना से सहमा हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर उसी से मिलती-जुलती वारदात बिलासपुर में भी सामने आई है. जहां कस्तूरबा नगर के मकान से लाश की उठती बदबू से पूरे मामले का खुलासा हुआ है.
दरअसल भिलाई निवासी 24 वर्षीय प्रियंका सिंह बिलासपुर में रहकर पढ़ाई कर रही थी. वो टिकरापारा मन्नू चौक स्थित हॉस्टल में रूम लेकर रहती थी. जहां वह प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही थी. प्रियंका पिछले 4 दिनों से गायब थी. जिससे परेशान होकर परिजनों ने कोतवाली थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.
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पैसे को लेकर हुआ विवाद
बता दें कि मन्नू चौक में रहने के दौरान उसका दयालबंद में मेडिकल एजेंसी चलाने वाले आशीष साहू की दुकान में आना जाना था. इस दौरान दोनों के बीच जान पहचान हुई और दोनों मिलकर शेयर मार्केट में पैसा लगाने लगे. इस बीच जब प्रियंका को जबरदस्त नुकसान हुआ तो दोनों के बीच संबंध में खटास पैदा हो गए और प्रियंका सिंह आशीष साहू पर पैसे लौटाने के लिए दबाव बनाने लगी, जिसके चलते दोनों के बीच विवाद हुआ.
17 लाख नहीं दिए तो कर दी हत्या
दावा किया जा रहा है कि आशीष साहू और प्रियंका सिंह के बीच प्रेम संबंध थे, लेकिन पैसे के लेनदेन के विवाद में दोनों की राह अलग हो गई. प्रियंका ने आशीष साहू के प्रेम में पड़ कर 17 लाख रुपए उसे दे दिए थे लेकिन आशीष पैसे लौटा नहीं रहा था. जब प्रियंका बार-बार अपने पैसों की मांग करने लगी तो तंग आकर आशीष ने उसकी हत्या कर दी.
हत्या कर, दुकान पर रखा शव
जब प्रियंका आशीष साहू ने हत्या करने के बाद शव को अपने ही दुकान में 3 दिनों तक छुपा कर रखा रहा. बताया जा रहा है कि एजेंसी में ज्यादा लोगों का आना जाना नहीं था. जिस वजह से किसी को कुछ पता नहीं चला. इस दौरान लाश की बदबू ना फैले इसलिए वह दुकान में रूम फ्रेशनर, अगरबत्ती का उपयोग करता रहा. लेकिन जब 3 दिन बाद बदबू अधिक उठने लगी तो उसने लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई.
बदबू से फैल गई खबर
शुक्रवार की रात उसने पॉलिथीन लाकर उसमें प्रियंका के शव को लपेट और फिर अपनी कार की पिछली सीट पर उसे रख लिया, लेकिन फिर पता नहीं किस वजह से वह प्रियंका की लाश को ठिकाने लगाने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. इसलिए उसने कस्तूरबा नगर के अपने घर के गैरेज में कार सहित प्रियंका की लाश को छुपा दिया. लेकिन शनिवार दोपहर बाद आसपास बदलू फैलने लगी. बदबू फैलने लगी तो पड़ोसियों का ध्यान उस कार की ओर गया. फिर बात पुलिस तक पहुंच गई.
कई सवालों के जवाब मिलना बाकी
पुलिस पहले ही आशीष पर संदेह कर रही थी. पुलिस ने हत्या के मामले में आशीष को गिरफ्तार तो कर लिया है. लेकिन अब भी कई सवाल अनुत्तरित है कि आखिर हत्या के बाद भी आशीष ने 4 दिनों तक प्रियंका की लाश अपनी दुकान और घर पर क्यों रखी? वहीं एक छात्रा प्रियंका के पास इतनी बड़ी रकम कहां से आई? पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है. छात्रा के गायब होने के बाद पुलिस प्रियंका की तलाश कर रही थी तो सीसीटीवी जांच में भी प्रियंका आखिरी बार आशीष साहू के सिटी फार्मेसी मेडिकल एजेंसी की तरफ जाती दिखी थी. इसलिए पुलिस को आशीष साहू पर शुरू से ही शक था लेकिन शातिर आशीष साहू पूछताछ में बार-बार पुलिस को गुमराह करने में सफल रहा. फिर भी वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया.