मनीष पुरोहित/मंदसौर: मध्यप्रदेश के मंदसौर में लंपी वायरस का प्रकोप (Lumpy Virus Mandsaur) बढ़ता ही जा रहा है, जिले में अब तक 2 पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हो चुकी है. 135 गांव के लगभग 296 पशुओं में लंपी वायरस के लक्षण देखे गए हैं. 2 पशुओं की वायरस से मृत्यु भी हुई है. पशुपालन विभाग ने लंबी वायरस के लक्षण वाले पशुओं को अन्य पशुओं से दूर रखने की पशुपालकों को सख्त हिदायत दी है.


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8 दिन पहले हो गई थी 3 पशुओं की मौत
गौरतलब है कि 8 दिन पहले सिंदपन और धमनार में दो पशुओं में लंपी वायरस की पुष्टि हुई थी. उसके बाद से अब तक राजस्थान सीमा से लगे जिले के कई गांव में लपी वायरस के लक्षण वाले पशु दिखे हैं.


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पशुपालन विभाग विभाग ने जारी की एडवाइजरी
पशुपालन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर मनीष इंगोले ने बताया की विभाग ने सख्त हिदायत दी है कि लक्षण वाले पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखा जाए. संक्रमित पशुओं की मौत होने पर उन्हें गड्ढा खोदकर नमक और चूने के साथ शहरी आबादी से दूर दफनाया जाए. पशुपालन के स्थान को साफ रखें और नीम के पत्तों से धूआ कर पशुओं को मच्छर मक्खी से बचाएं. पशुपालन विभाग राजस्थान के संक्रमित इलाके से पशुओं के क्रय विक्रय न करने की भी सलाह दी है.


धारा 144 लागू
लंपी वायरस के संक्रमण के बढ़ने की वजह से डीएम मंदसौर गौतम सिंह ने जिले में धारा 144 लगाते हुए पशु हाट बजारों पर आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगाने समेत लंपी संक्रमण की रोकथाम के लिए गाइडलाइ जारी की है, जिसके उलंघन पर धारा 188 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी.


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नए पशु न रखने की हिदायत
गौरतलब है कि पशुपालन विभाग ने गौशाला में नए पशु न रखने की सख्त हिदायत दी है. उसके बावजूद कुछ गौशालाओं में नए पशु रखे गए जिनमें से एक गौशाला में लंपी वायरस के लक्षण वाले दो पशु देखे गए.


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पशुपालन विभाग के पास स्टाफ की कमी
पशुपालन विभाग दावा कर रहा है कि पूरे जिले में सतत मॉनिटरिंग की जा रही है, लेकिन पशुपालन विभाग के पास इस समय स्टाफ की कमी प्रतीत हो रही है. जिले में सिर्फ 18 डॉक्टर और 44 सहायक ही तैनात है. ऐसे में इस मॉनिटरिंग के लिए स्वयंसेवकों निजी पशु चिकित्सकों और अन्य लोगों की भी मदद ली जा रही है.