Madhya Pradesh: गुजरात के सूरत में देर रात एक 6 मंजिला इमारत ढह गई है. इस हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 5 लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. पांचों मृतक वहां मजदूरी का काम करते थे. इनमें दो भाई थे. वहीं उनके रिश्तेदार के भी दो भाइयों की भी मौत हो गई है. पांचों मृतक सीधी जिले के थे. इनकी मौत की जानकारी मिलते ही  सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने सूरत के स्थानीय सांसद से बात कर मृतकों का शव सीधी पहुंचाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था करवाई.


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सूरत में दर्दनाक हादसा
सूरत के सचिन पाली गांव में शनिवार दोपहर करीब 3 बजे एक 6 मंजिला इमारत ढह गई. हादसे में 7 लोगों की मौत हुई है, जबकि एक महिला को बचा लिया गया है. महिला का हालत भी स्थिर बताई जा रही है, जिसका इलाज जारी है. 


MP के 5 मजदूरों की मौत
सूरत के इस हादसे में हुई 7 लोगों की मौत हुई है. इनमें  सीधी जिले के पांच मजदूर शामिल हैं. परासी गांव के दो सगे भाई और उनके रिश्तेदार दो सगे भाई समेत एक और शख्स की मौत हुई है. हादसे की जानकारी मिलने के बाद परासी और दियाडोल गांव में मातम छा गया है. मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.


सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने की बात
सूरत हादसे में सीधी के पांच मजदूरों की मौत की खबर मिलने के बाद सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने सूरत के स्थानीय सांसद से बात की है. उन्होंने स्थानीय सांसद से बात कर मृतकों का शव सीधी पहुंचाने के लिए शव वाहन की व्यवस्था करवाई. साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'सूरत में पांच मंजिला इमारत गिरने से सीधी के 5 श्रमिकों के निधन का दुःखद समाचार अत्यंत पीड़ादायक हैं.मेरे द्वारा गुजरात प्रदेश अध्यक्ष CR पाटिल जी और सूरत सांसद मुकेश दलाल जी एवं स्थानीय प्रशासन से बात की गई, उनका पार्थिव शरीर लाएं जाने की व्यवस्था हो चुकी हैं! मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ है. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें, दुःख की इस घड़ी में शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करे. ऊं शांति:!'



हादसे के वक्त सो रहे थे मजदूर
जानकारी के मुताबिक हादसे के वक्त नाइट शिफ्ट पूरी कर मजदूर सो रहे थे. 12 घंटे से ज्यादा समय तक रेस्क्यू कर मलबा हटाया गया और शवों को बाहर निकाला गया. 


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2016 में बनी थी इमारत
बताया जा रहा है कि इमारत का निर्माण 2016-17 में हुआ था. बिल्डिंग ज्यादा पुरानी नहीं होने के बाद भी जर्जर हो चुकी थी. यहां पांच फ्लैटों में लोग रहते थे. इनमें ज्यादातर रहने वाले लोग उसी क्षेत्र के कारखानों  में काम करते हैं. 


इनपुट- आदर्श गौतम की रिपोर्ट, ZEE मीडिया


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