भोपालः मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया है. जोबट सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सुलोचना रावत ने अपने बेटे विशाल रावत के साथ बीजेपी ने ज्वाइन कर ली. माना जा रहा है कि बीजेपी जोबट सीट पर सुलोचना रावत या उनके बेटे विशाल रावत में से किसी एक को प्रत्याशी बना सकती है. वहीं सुलोचना रावत को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है. जिस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया. 


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जनजातीय समाज का अपमानः वीडी शर्मा
दरअसल, सुलोचना रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता सुलोचना रावत और उनके बेटे विशाल रावत को बिकाऊ कह रहे हैं, जिस पर अब बीजेपी ने भी पलटवार किया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ''कांग्रेस के नेता सुलोचना जी का अपमान कर रहे हैं. क्योंकि बीजेपी ज्वाइन करने पर सुलोचना जी को बिकाऊ कह रहे हैं. ये जनजातीय समाज का अपमान है.''


जनता देगी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को जवाब 
वीडी शर्मा ने कहा कि ''सुलोचना रावत और उनके बेटे ने प्रधानमंत्री मोदी जी की नीतियों, सीएम शिवराज के बिंदुओ से प्रभावित होकर बीजेपी की सदस्यता ली है. आज कांग्रेस ने आदिवासी नेतृत्व का बहन का मातृशक्ति का अपमान करने का काम किया है. ये मध्यप्रदेश की जनता जनजातीय क्षेत्र के लोग कमलनाथ और दिग्विजय को देंगे.''


कांग्रेस ने साधा था निशाना 
दरअसल, सुलोचना रावत के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी और उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया था. कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने तंज कसते हुए कहा कि ‘भाजपा को उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं मिल रहे इसलिए दलबदल करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी में दिवालियापन की स्थिति है इसलिए जोबट में सुलोचना रावत को टिकट देने की तैयारी है. इतना ही नहीं बीजेपी पृथ्वीपुर में समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी शिशुपाल यादव पर दांव खेलने के मूड में है. खंडवा एवं रैगांव में दिवंगत नेताओं के परिजनों को भी टिकट दिया जा रहा है. बीजेपी को उम्मीदवार ढूंढे नहीं मिल रहे हैं इसलिए दूसरे दलों से तोड़े जा रहे हैं’. अजय सिंह ने कहा कि दमोह में भी दल बदल का परिणाम देखा जा चुका है. कांग्रेस नेताओं के बयानों के बाद अब बीजेपी के नेताओं ने भी पलटवार शुरू कर दिया है. 


कौन है सुलोचना रावत 
दरअसल, सुलोचना रावत कांग्रेस की कद्दावर नेता मानी जाती है. 1998 में वह पहली बार विधायक बनी थी, जिसके बाद उन्हें तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार में राज्यमंत्री भी बनाया गया था. हालांकि 2003 के चुनाव में उन्हें माधो सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2008 में रावत फिर से विधायक चुनी गईं. 2013 में सुलोचना रावत के बेटे विशाल रावत को टिकट दिया गया लेकिन वह माधो सिंह के सामने चुनाव हार गए. 


2018 में फिर से विशाल सिंह ने टिकट पर दावा किया लेकिन पार्टी ने कलावती को अपना उम्मीदवार बनाया. इसके खिलाफ विशाल रावत ने बगावत कर दी और निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला किया. इसके चलते सुलोचना रावत और उनके बेटे विशाल रावत को पार्टी से बाहर किया गया था. हालांकि 2019 में लोकसभा चुनाव के समय दोनों की फिर से कांग्रेस में एंट्री हो गई थी. अब उपचुनाव में विशाल पटेल फिर से दावेदारी कर रहे हैं. लेकिन जोबट सीट पर कांग्रेस महेश पटेल पर दाव लगाने की तैयारी में है. ऐसे में सुलोचना रावत और उनके बेटे विशाल पटेल ने बीजेपी ज्वाइन कर ली. 


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