MP Nursing Scam Case: MP नर्सिंग घोटाले में एक और बड़ी कार्रवाई के तहत फर्जी कॉलेज को मान्यता देने के आरोप में पूर्व रजिस्ट्रार चंद्रकला दिगवैया को बर्खास्त कर दिया गया है. रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को पहले बर्खास्त किए जाने के बाद दिगवैया का सितंबर 2020 से सितंबर 2021 तक का कार्यकाल जांच के दायरे में है. वहीं, एनएसयूआई तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री समेत उच्च अधिकारियों को लेकर भी कार्रवाई की मांग है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाला मामले में एक और बड़ी कार्रवाई हुई है. फर्जी कॉलेज को मान्यता देने वाली तत्कालीन नर्सिंग रजिस्ट्रार चंद्रकला दिगवैया को सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. आपको बता दें कि तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू के बाद तत्कालीन रजिस्ट्रार चंद्रकला दिगवैया की सेवा समाप्त की गई है. नर्सिंग काउंसिल में चंद्रकला दिगवैया का कार्यकाल सितंबर 2020 से सितंबर 2021 तक था.


भ्रष्टाचार मामले में 72 घंटे में पलटा आदेश , सस्पेंड CMO का निलंबन वापस, जानिए क्या है मामला?


तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री पर कार्रवाई की मांग
वहीं, नर्सिंग घोटाले को लेकर कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन NSUI ने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरबड़े के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. एनएसयूआई ने सरकार से पूछा कि एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति अशोक खंडेलवाल और रजिस्ट्रार पुष्पराज बघेल के खिलाफ कब कार्रवाई की होगी?


सुनीता शिजू को भी किया गया था बर्खास्त
आपको बता दें कि इससे पहले मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को नर्सिंग संस्थानों को मान्यता देने में अनियमितता के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. सुनीता शिजू 22 सितंबर 2021 से 24 सितंबर 2022 तक मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रहीं थीं. उनके कार्यकाल के दौरान नर्सिंग संस्थानों को मान्यता देने की प्रक्रिया में बड़ी अनियमितताएं उजागर हुईं. नतीजतन, 20 जुलाई 2023 को मेडिकल कॉलेज भोपाल के डीन ने उनके खिलाफ चार्जशीट जारी की, इसके बाद 4 अगस्त 2023 को अतिरिक्त चार्जशीट जारी की. विभागीय जांच में और भी कई अनियमितताएं सामने आईं. नतीजतन, सुनीता शिजू की सेवाएं तत्काल समाप्त करने के आदेश जारी किए गए.