Sagar News: मध्य प्रदेश के सागर जिले से MP पुलिस पर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है. जिले में करीब 20 दिन पहले एक आदिवासी नाबालिग लापता हो गई. इस मामले में परिजनों का आरोप है कि नाबालिग को ढूंढ़ने के लिए पुलिस ने 20 हजार रुपए की डिमांड की. लापता नाबालिग के परिजनों ने अब पुलिस के आला अफसरों का दरवाजा खटखटाया है. 


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नाबालिग हुई लापता
मामला सागर जिले के देवरी का है.  8 अप्रैल को एक आदिवासी नाबालिग अपनी नानी के घर से लापता हो गई. दरअसल, बच्ची  बचपन से ही अपनी नानी के घर रहती थी. जब काफी देर तक परिजनों को नाबालिग नहीं मिली तो  उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. परिजनों को उम्मीद थी कि पुलिस लड़की की खोजबीन करेगी, लेकिन मामला कुछ और ही हो गया.


परिजनों ने जाहिर किया शक
पीड़ित परिवार ने पुलिस को नाबालिग के लापता होने पर गांव के ही एक शख्स पर अपहरण की शंका भी जाहिर की, लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. 


पुलिस ने की पैसों की डिमांड
लापता नाबालिग की नानी और मामा ने आरोप लगाया है कि लड़की की तलाश के लिए देवरी पुलिस ने 20 हजार रुपए की डिमांड की. कई दिन बीत जाने के बाद ये रकम 15 हजार पर आ गई.  


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अफसरों को सुनाई आपबीती
इस बीच पीड़ित परिवार ने इलाके के विधायक प्रतिनिधि से संपर्क किया. रविवार को विधायक प्रतिनिधि के साथ पीड़ित परिवार ने पुलिस के आला अफसरों से मुलाकात की और आपबीती सुनाई. परिजनों ने SDOP को ज्ञापन देकर लापता नाबालिग की तलाश का आग्रह किया गया है.


तेजी से होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर देवरी थाना इंचार्ज ने कहा कि फिलहाल पैसे मांगने जैसी कोई बात उनके संज्ञान में नहीं आई है. वहीं, लापता लड़की की तलाश तेजी से कराई जाएगी.


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पीड़ित परिवार का कहना है कि सरकार आदिवासियों के हितों की दलील दे रही है, लेकिन उसी वर्ग की बेटियों के लापता होने पर पुलिस जांच और तलाश के लिए पैसों की डिमांड कर रही है. 


इनपुट- सागर से महेंद्र दुबे की रिपोर्ट, ZEE मीडिया