भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र (Madhya Pradesh Assembly Session) 20 दिसम्बर यानि कल से शुरू होने वाला है. इस दौरान मध्यप्रदेश की राजनीति (MP Politics) में फिर आदिवासियों का मुद्दा गरम रहने वाला हैं. प्रदेश की गद्दी पर बैठी पार्टी बीजेपी (BJP) और विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) दोनों ही आदिवासियों के कंधे पर बंदूक रखकर एक दूसरे पर वार पलटवार करने की तैयारी में हैं. बता दे विधानसभा में कुल 1492 प्रश्न लगाए गए हैं, जिसे देखकर कहा जा सकता है कि कांग्रेस के विधायकों ने आदिवसियों (Aadiwasi) के मुद्दे को लेकर विधानसभा में सरकार को घेरने की तैयारी में हैं, वहीं बचाव के लिए बीजेपी की भी तैयारी है.


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जनजतीय कार्य विभाग से 71 सवाल
मिली जानकारी के मुताबिक विधनसभा में अब तक जनजतीय कार्य विभाग से 71 सवाल पूछे गए हैं, जिनमे 50 सवालों का जवाब विभाग की ओर से दे दिया गया है. सबसे पहले तो विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जनजातीय सम्मेलन की गूंज सुनाई देने वाली है. विधायक सम्मेलन पर किए गए खर्च को लेकर विधानसभा में सवाल उठाने की तैयारी में है. बता दें विधानसभा में कांग्रेस के फिलहाल 95 विधायक विधानसभा के सदस्य हैं. इनमें 30 से ज्यादा आदिवसी विधायक शामिल हैं. ये विधायक आदिवसियों के मुद्दे को लेकर विधानसभा में सरकार को घेरने का मन बना चुके हैं. 


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जनजतीय गौरव दिवस पर भी होगी तनातनी
मध्यप्रदेश की राजनीति में आदिवादी हमेशा से ही निर्णायक भूमिका में रहे हैं. यही कारण है कि दोनों ही पार्टियां आदिवासियों को साधने की पूरी कोशिश करती हैं. जनजतीय गौरव दिवस भी उसी का हिस्सा कहा जा रहा है. बता दें उसके खर्चे को लेकर कांग्रेस पहले से ही सवाल खड़े कर रही है और अब इसे ही मुद्दा बनाकर सरकार पर हमलावर होने के मूज में है. इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर को लेकर इंतजाम, सड़क, कुपोषण से जुड़े हुए मुद्दे भी विधानसभा में सुनाई देंगे.


आदिवासी विधायक का आरोप
कांग्रेस के आदिवासी विधायक हिरालाल अलावा का आरोप है कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए आदवासियों की हितैषी बन रही है, जबकि मेडिकल के क्षेत्र में आदवासियों की आरक्षित सीट भी उन्हें नहीं मिल रही है. साथ ही हिरालाल अलावा ने जनजतीय गौरव दिवस कार्यक्रम के आयोजन के खर्चे को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि हम आदिवसी विधायक इन मुद्दों को विधानसभा में उठाएंगे. इसके साथ माना जा रहा है कि कांग्रेस खाद समस्या, महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने की रणनीति बना चुकी है.


सत्र पर सियासत
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिन का ही रखने पर कांग्रेस पहले ही सवाल उठा चुकी है. कांग्रेस का कहना है सत्र की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए. इतने कम दिन रखकर सरकार जनता से जुड़े मुद्दों बचना चाह रही है. पन्‍द्रहवीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसम्‍बर 2021 से शुरू होकर 24 दिसम्‍बर 2021 तक चलेगा. पांच दिन के सत्र में सदन की कुल 5 बैठकें होंगी. इसमें महत्‍वपूर्ण सरकारी विधि और वित्‍तीय काम किये जाएंगे. बता दें मध्य प्रदेश की पन्‍द्रहवीं विधान सभा का ये 10वां सत्र होगा. विधान सभा के प्रमुख सचिव ए.पी.सिंह ने बताया था कि सत्र 5 दिन चलेगा.


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