4800 करोड़ का निवेश, जर्मनी से लेकर स्पेन तक की चर्चा...PM मोदी ने क्यों कहा भारत को नई उम्मीद से देख रही दुनिया?
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4800 करोड़ का निवेश, जर्मनी से लेकर स्पेन तक की चर्चा...PM मोदी ने क्यों कहा भारत को नई उम्मीद से देख रही दुनिया?

India- Spain Relation: जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने पिछले सप्ताह नयी दिल्ली की अपनी यात्रा में घोषणा की थी कि उनका देश हर साल 90,000 भारतीयों को वीजा जारी करेगा

4800 करोड़ का निवेश, जर्मनी से लेकर स्पेन तक की चर्चा...PM मोदी ने क्यों कहा भारत को नई उम्मीद से देख रही दुनिया?

PM Modi in Gujrat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात में 4800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को उद्घाटन करते हुए कहा कि दुनिया अब भारत को पूरे ध्यान और गंभीरता से सुन रही है. उन्होंने कहा कि सभी लोग देश को नयी उम्मीद से देख रहे हैं एवं विभिन्न क्षेत्रों में भारत में उपलब्ध अपार संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं. 

गुजरात के अमरेली जिले के लाठी में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हाल में ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए देशों ने भारत से हाथ मिलाने और उसकी विकास यात्रा में साझेदार बनने की उत्सुकता प्रकट की थी. उन्होंने कहा कि कि जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने पिछले सप्ताह नयी दिल्ली की अपनी यात्रा में घोषणा की थी कि उनका देश हर साल 90,000 भारतीयों को वीजा जारी करेगा, और अब यह देश के युवाओं पर निर्भर है कि वे इसके लिए कौशल विकसित करें. 

विश्व पटल पर भारत का बढ़ रहा दब-दबा

प्रधानमंत्री ने कहा, "जैसे-जैसे हम विकास करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे विश्व पटल पर भारत का गौरव और प्रभाव बढ़ता जा रहा है. पूरा विश्व भारत की ओर नयी उम्मीद और नयी दृष्टि से देख रहा है. लोग भारत के सामर्थ्य को पहचानने लगे हैं. आज पूरा विश्व भारत की बात को गंभीरता से और ध्यान से सुनता है, और हर कोई भारत में मौजूद संभावनाओं पर चर्चा करता है." 

उन्होंने कहा, "हर देश भारत में निवेश की संभावनाओं के बारे में पूछ रहा है. जब मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से स्वदेश लौटा तो जर्मन चांसलर शोल्ज एशिया में निवेश करने वाले प्रतिनिधियों के एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ नयी दिल्ली आए थे और उन्होंने उन लोगों से कहा था कि वे उनकी (प्रधानमंत्री की) बात सुनें और तय करें कि वे भारत में क्या करना चाहते हैं."

प्रधानमंत्री ने कहा, "पहले जर्मनी भारतीयों को सालाना 20,000 वीजा देता था. चांसलर ने घोषणा की कि वे 90,0000 वीजा जारी करेंगे क्योंकि उन्हें (जर्मनी की) फैक्टरियों में युवाओं और जनशक्ति की जरूरत है क्योंकि भारत के लोग मजबूत हैं, वे नियमों का पालन करते हैं और शांति से रहना पसंद करते हैं. अब, यह आपके हाथ में है कि आप उनकी (नौकरी की) जरूरतों के हिसाब से खुद को तैयार करें." 

टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्पलेक्स का भी जिक्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेन ने भारत में बहुत बड़ा निवेश किया है और उन्होंने वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का जिक्र किया, जो सैन्य विमान बनाने वाला भारत का पहला निजी संयंत्र है, जहां सी295 विमान बनाए जाएंगे. मोदी ने कहा कि सोमवार को वडोदरा में जिस संयंत्र का उद्घाटन किया गया, वह छोटे उद्यमों की मदद करेगा क्योंकि वे सैन्य विमानों के विनिर्माण के लिए विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति कर सकते हैं. 

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास जरूरी है. उन्होंने कहा, "गुजरात ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने कामों के जरिए देश के लिए एक मिसाल कायम की है. घरों और खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए शुरू की गई योजना गुजरात में आज भी जारी है." 

उन्होंने कहा, "आज शुरू की गई परियोजनाओं से लाखों लोगों को फायदा होगा. मोदी ने कहा कि उन्होंने सोमवार को अमरेली में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया या जिनकी आधारशिला रखी, उनका उद्देश्य लोगों के जीवन को आसान बनाना, किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करना और युवाओं के लिए अवसर पैदा करना है."

'कैच द रेन' अभियान को बताया महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री ने जल आपूर्ति परियोजनाओं और 'कैच द रेन' अभियान के माध्यम से भूजल संरक्षण और पुनर्भरण के लिए जन भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, "जब भाजपा ने (लगभग तीन दशक पहले) गुजरात में सरकार बनाई थी, तब से हमने पानी को प्राथमिकता दी है. हमने (परियोजनाओं में) जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 80:20 योजना बनाई." उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपने गृह राज्य के प्रत्येक गांव में नर्मदा नदी का पानी पहुंचाने में सफल रही है.

मोदी ने कहा कि जब अमरेली जिले में 2007 में एक सहकारी डेयरी शुरू हुई थी तो केवल 25 गांव इससे जुड़े थे, लेकिन अब यह संख्या 700 हो गई है. उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की बंदरगाह नीति विकास पहल के तहत अमरेली जिले के बंदरगाहों का विकास किया जाएगा. 

(रिपोर्ट-भाषा)

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