Mahashivratri 2023: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन(Ujjain)। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में शिव नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं. फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की तिथि पंचमी यानी 10 फरवरी से शिव नवरात्रि पूजन (Shiv Navratri) प्रारंभ होगी. इस दौरान बाबा (Baba Mahakal) के पूजन और आरती के समय में किुछ बदलाव किए जाएंगे. शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में एकादशनी रूद्रअभिषेक के साथ शिव नवरात्रि महापर्व प्रारम्भ होगा. जो 19 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान बाबा भक्तों को अलग-अलग 9 रूपों में दर्शन देंगे.


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इस समय प्रवेश रहेगा बंद
मंदरि प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि प्रातः काल से होने वाले प्रत्येक दिवस के विशिष्ट पूजन से सांय 4 बजे तक गर्भगृह प्रवेश दर्शनार्थीयों का बंद रहेगा. सांय 4 बजे के पश्चात दर्शनार्थी की सामान्य संख्या होने पर ही आमजन हेतु गर्भगृह दर्शन प्रारंभ किये जा संकेंगे. इसके बाद दर्शन अभिलाशी गर्भगृह दर्शन रसीद के साथ 9 बजे तक दर्शन हेतु गर्भगृह में जा सकेंगे.


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बदल जाएगा पूजा आरती का समय
महाशिवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे होने वाली भोग आरती दोपहर 2 बजे दोपहर में होगी. संध्या पूजन शाम 5 बजे के जगह अब 3 बजे होगा होगी. रात्रि में महनिशा काल में अलग-अलग प्रकार से भगवान महाकाल की पूजा की जाएगी.


नौ दिन में होंगे 9 श्रंगार
पहला दिन : चंद्रमोलेश्वर श्रंगार
दूसरा दिन: शेषनाथ शृंगार
तीसरा दिन: घटाटोप शृंगार
चौथा दिन: छबीना शृंगार
पांचवां दिन: होल्कर शृंगार
छठा दिन: मनमहेश शृंगार
सातवां दिन: उमा महेश शृंगार
आठवां दिन : शिव तांडव शृंगार
नवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे


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नौवें दिन होगा ये खास शृंगार
नौ और आखिरी दिन दूल्हा रूप में दर्शन देने का साथ बाबा महाकाल का सप्तधान रूप में शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे और इसके बाद दोपहर में भस्मारती होगी. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचेंगे.