कुतुब मीनार और उमा भारती को लेकर मीनाक्षी लेखी का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी आज भोपाल में विश्व धरोहर दिवस पर कार्यक्रम के मौके पर आई थीं.
भोपाल: केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी आज भोपाल में विश्व धरोहर दिवस पर कार्यक्रम के मौके पर आई थीं. यहां उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. साथ ही भोपाल के स्मार्ट पार्क में सीएम शिवराज के साथ उन्होंने पौधारोपण भी किया.
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दरअसल मीनाक्षी लेखी ने भारत के इतिहास को लेकर इतिहासकार, राजनेताओं, समाज के लोगों पर सवाल खड़े किए . केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पृथ्वीराज दिल्ली के राजा थे. इस बात को कोई नहीं जानता की वह दिल्ली के राजा थे. उनका महल कहां है यह मैं हमेशा कहती हूं. पृथ्वीराज चौहान के नाना ने 3 हजार से ज्यादा मंदिर बनवाए थे. आज जो क़ुतुब मीनार के रूप में जाना जाता है और उसके आसपास पृथ्वीराज का महल कहा है? वो झोपड़ी में तो नहीं रहते होंगे.
इतिहास तोड़-मरोड़ के पेश किया
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत के इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. पहले के ही नहीं बल्कि अभी के इतिहास को भी तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया. इतिहास का सही प्रस्तुतीकरण नहीं हुआ है. वैज्ञानिक रूप से भी प्रस्तुतीकरण नहीं हुआ. लिखित इतिहास जला दिया गया. कई सारी त्रुटियां है. हमारा इतिहास व्यापक है. कोई एक व्यक्ति इसकी जानकारी नहीं रख सकता. भारत के इतिहास को जानने के लिए एक जन्म काफी नहीं है.
उमा भारती की भावना का सम्मान
गौरतलब है कि रायसेन के किले पर स्थित सोमेश्वर शिव मंदिर का ताला साल में एक बार शिवरात्रि को खोला जाता है. भगवान कैद मुक्त मुद्दे के बाद उमा भारती 11 अप्रैल को अभिषेक करने पहुंचीं थीं. इस दौरान उन्हें बाहर से ही जल चढ़ाना पड़ा. तभी से उन्होंने ताला नहीं खुलने तक अन्न का त्याग करने का फैसला ले लिया. इस पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उमा भारती की भावना का सम्मान करती हूं. जो प्रशासनिक निर्णय उसमें और चीजें भी काम करती है. मैं कहना चाहूंगी कि कई बार इतिहास को संभालकर रखना पड़ता है. जब हम पर प्रश्नचिन्ह लगाए जाते हैं, और कहा जाता है कि हम पर आक्रमण नहीं हुआ, धर्मांतरण नहीं हुआ. तब इन चीजों को संभालकर रखना भी जरूरी है. आपको इन अवशेष के माध्यम से इतिहास को प्रूफ करने का मौका मिलता है.
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कमलनाथ पर साधा निशाना
कमलनाथ वही कहेंगे जिस विचारधारा से वह प्रेरित हैं. आपको मंदिर टूटे क्यों दिखाई दिए? भारतीयों को परिवर्तित होते हुए देखना पड़ा. भारत के तीन हिस्से क्यों हुए हैं? दंगों के पीछे उन लोगों की साजिश है, जो इस तरीके की भावना उत्पन्न करते है. प्रशासन के नियमों को नहीं मानते हैं. मुझे पुलिस की रिपोर्ट का भी इंतजार है. ट्रंप के विजिट के दौरान भी इसी तरीके की घटना हुई थी. अभी कुछ चेहरे सामने आए लेकिन साजिश किसने की, उनके चेहरे भी सामने आएंगे. सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला देगा. अटैक किसने किया कैमरा किसने तोड़ा यह सबके सामने आ जाएगा.
बुलडोजर का समर्थन
वहीं मध्यप्रदेश में हो रही बुलडोजर की कार्रवाई का मीनाक्षी लेखी ने समर्थन करते हुए कहा कि जहां पर एंक्रोचमेंट है, वहां पर बुलडोजर चलना ही चाहिए. चाहे वो कोई भी हो. कॉमन लोगों की जो धरोहर है. वह किसी व्यक्ति के माई बाप की जमीन नहीं है. वह समाज की जमीन है. सामाज की धरोहर है. उससे अतिक्रमण को हटाना है. जो नियम अनुसार होता है वह ठीक है.
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