प्रियांशु यादव/ग्वालियर: ग्वालियर से सनसनीखेज वारदात की खबर सामने आ रही है. जहां एक नाबालिग लड़की से साथ उसकी मां और सौतेले पिता की मदद से लगभग के साल तक रेप होता रहा. नाबालिग ने कई बार अपने माता-पिता से विरोध करने की कोशिश की लेकिन हर बार उसे मारपीट कर जुबान बंद करने के लिए धमकाया जाता रहा. आखिरकार लड़की ने परेशान होकर पिछले साल FIR दर्ज कराई. अब विशेष न्यायालय ने नाबालिग लड़की की मां उसके सौतेले पिता एवं दुष्कर्म करने वाले राम कुमार गौड़ को उम्र कैद की सजा सुनाई है. वहीं एक अन्य आरोप को 10 साल की सजा सुनाई है.


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बता दें कि कोर्ट ने बलात्कार पीड़िता को न्यायालय ने पुनर्वास के लिए साढे़ सात लाख रुपए देने के भी आदेश दिए हैं. घटना के बाद से ही आरोपी माता-पिता और दो अन्य जेल में बंद हैं. यह सनसनीखेज घटना शहर के सिरोल थाना क्षेत्र में दो साल पहले घटित हुई थी.


1 साल तक करते रहे रेप
शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा के मुताबिक लड़की जिसकी उस समय उम्र सिर्फ 13 साल थी. उसकी मां ने दूसरे व्यक्ति से शादी कर ली थी. उसके यहां राम कुमार गौड़ और बृजेश जाटव का अक्सर आना-जाना था. यह लोग लड़की के साथ दुष्कर्म करते रहे. माता-पिता ने घटना का विरोध करने के बजाय आरोपियों का साथ दिया. यह घटना जून 2021 से शुरू हुई थी. जो अगले एक साल तक चलती रही.


जैसे-तैसे केस दर्ज किया
इस बीच लड़की ने अपने माता-पिता से काफी विरोध किया लेकिन वह सफल नहीं हुई. आखिरकार एक दिन हिम्मत करके उसने अपने रिश्तेदार के जरिए पुलिस को सूचना भेजी और पुलिस ने नाबालिक लड़की की शिकायत पर उसकी मां सौतेले पिता ,राम कुमार गौड़ और बृजेश जाटव के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. इसमें पास्को एक्ट बलात्कार सहित अन्य धाराएं लगाई गई थीं. 


रेप के बदले देते थे पैसे
लड़की के मुताबिक रामकुमार गौड और बृजेश उसके पिता के दोस्त थे और अक्सर घर पर आते जाते रहते थे. यह लोग उसके पिता को दुष्कर्म के बदले पैसे देते थे. लड़की ने जब विरोध करने की कोशिश की तो माता-पिता ने उसकी पिटाई भी की थी. इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने चारों लोगों को आरोपी बनाया था. अब विशेष पास्को एक्ट अदालत ने लड़की के पुनर्वास के आदेश दिए हैं और उसे साढे़ सात लाख रुपए देने के भी निर्देश दिए हैं. वही आरोपियों को जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में अतिरिक्त जेल भुगतने के भी निर्देश दिए गए हैं. इसमें शासन से पीड़ित प्रतिकर की राशि के रूप में चार लाख रुपए भी देने के आदेश दिए गए हैं.