Chhindwara Vidhan Sabha Seat Analysis: अगर आप राजनीति में रुचि रखते हैं तो छिंदवाड़ा का नाम सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले नाम आता है कमलनाथ का और खास बात ये है कि वर्तमान में इस विधानसभा सीट से विधायक हैं, इसलिए ये राज्य की सबसे वीआईपी सीटों में से एक है. इस सीट पर पिछले कुछ चुनावों की बात करें तो वोर्टस ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों का बटन दबाया है तो आइए जानते हैं इस सीट के आंकड़े, समीकरण और इतिहास...


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पिछले कुछ चुनावों के नतीजे
छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर पिछले चार चुनावों में, कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा सामने आई है. 2008 के चुनाव में, कांग्रेस के दीपक सक्सेना 64,740 वोटों के साथ विजयी हुए, उन्होंने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह को हराया था. यहां मुकाबला बहुत करीबी था.दीपक सक्सेना ने 3,444 वोटों से जीत हासिल की थी.


वहीं, 2013 के चुनाव में, भाजपा के चौधरी चंद्रभानसिंह कुबेरसिंह ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस के दीपक सक्सेना की तुलना में 24,778 अधिक वोट प्राप्त करके, अधिक अंतर से सीट जीती थी.  2018 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने एक बार फिर 50.00% वोट शेयर हासिल करते हुए 104,034 वोटों के साथ जीते. जबकि, उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा के चौधरी चंद्रभान सिंह कुबेर सिंह को 89,487 वोट मिले, जिसके चलते सक्सेना की जीत का अंतर 14,547 वोटों का रहा.


हालांकि, 2018 कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद दीपक सक्सेना ने ये कमलनाथ के लिए छोड़ दी. जिसके बाद 2019 के उपचुनाव में कमल नाथ ने 1,14,459 वोट पाकर बड़ी जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के विवेक बंटी साहू को 25,837 वोटों के अंतर से हराया था.


छिंदवाड़ा का इतिहास
छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर, राजनीतिक परिदृश्य में पिछले कुछ वर्षों में BJP और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखी गई है. 1972 से 1993 तक कांग्रेस का दबदबा रहा, 1990 में थोड़ी रुकावट आई जब भाजपा ने यह सीट जीत ली. कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने 1993 में इस सीट पर दोबारा कब्जा किया और 2008 और 2018 में भी इस पर जीत हासिल. वहीं, इससे पहले 2013 में, भाजपा के चंद्रभान सिंह चौधरी ने जीत हासिल की. कांग्रेस ने 2019 में उपचुनाव में कमल नाथ के ये सीट जीतने के बाद वर्तमान में ये सीट कांग्रेस के पास है. 


SC-ST वोटर्स की अहम भूमिका 
छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर जनता एक-एक कर बीजेपी और कांग्रेस को मौका देती रही है. खास बात यह है कि यहां किसी भी उम्मीदवार की जीत में एसटी और एससी मतदाता अहम भूमिका निभाते हैं. जो इस निर्वाचन क्षेत्र में नतीजे तय करता है. साथ ही जीजीपी और बसपा की उपस्थिति इस विधानसभा सीट पर है.


छिंदवाड़ा विधानसभा सीट के विधायकों की सूची


1972: जगदीश प्रसाद चंद्राकर (कांग्रेस)
1977: बिजय कुमार पेंटी  (कांग्रेस)
1980: विजयकुमार धनपाल (कांग्रेस(आई))
1985: कमलेश्वरी शुक्ला (कांग्रेस)
1990: चंद्रभान सिंह कुबेर सिंह (भाजपा)
1993: दीपक सक्सेना (कांग्रेस)
2008: दीपक सक्सेना (कांग्रेस)
2013: चंद्रभान सिंह चौधरी (भाजपा)
2018: दीपक सक्सेना (कांग्रेस)
2019: कमल नाथ (कांग्रेस) [उपचुनाव]