Bhopal Madhya Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने चुनाव से पहले ही अपने प्रत्याशियों की तीन लिस्ट जारी कर दी हैं, जहां पहली ही लिस्ट में राजधानी भोपाल की 'भोपाल मध्य' विधानसभा सीट पर भी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया गया था. 2018 में बीजेपी को इस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में बीजेपी ने यहां पहले ही प्रत्याशी उतार दिया है. खास बात यह है कि यह भोपाल की सबसे हॉट सीट मानी जा रही है. जहां इस बार मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद हैं. 


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भोपाल मध्य सीट का समाजिक ताना-बाना 


दरअसल, भोपाल मध्य विधानसभा सीट राजधानी के पुराने और नए शहर में आती है. इस सीट पर सबसे ज्यादा 40 फीसदी मुसलमान वोटर्स हैं, इसके अलावा 25 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता है. जबकि दूसरे वर्गों से आने वाले मतदाता भी यहां अहम भूमिका में रहते हैं. खास बात यह है कि भोपाल के सबसे ज्यादा थर्ड जेंडर मतदाता भी इसी सीट पर हैं. भोपाल मध्य विदानसभा सीट पर पुराने भोपाल का जहांगीराबाद, जिंसी, मंगलवारा, बुधवारा, घोड़नक्कास,  जुमेराती, इतवारा और बरखेडी कमलापार्क का एरिया आता है. इसके अलावा अरेरा कॉलोनी, शाहपुरा-10,11 और 12 नंबर स्टाप, एमपी नगर और हबीबगंज नए भोपाल का हिस्सा है. 


2018 में वोटर्स का ताना बाना 


भोपाल मध्य विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 2 लाख 20 हजार से ज्यादा वोटर्स थे. चुनाव में 139349 मत पड़े थे. जिसमें कुल 63.32 प्रतिशत मतदान हुआ था. 


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भोपाल मध्य सीट का राजनीतिक समीकरण 


भोपाल मध्य सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होती है. पहले यह सीट भोपाल के नाम से थी. लेकिन परिसीमन के बाद भोपाल मध्य के नाम से जानी जाती है. परिसीमन के बाद अब तक इस सीट पर तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें दो बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस को जीत मिली है. भोपाल मध्य सीट पर तीनों ही चुनाव में अलग-अलग प्रत्याशी विधायक चुने गए. 


  • 2008 में इस सीट पर बीजेपी के ध्रुव नारायण सिंह विधायक बने थे

  • 2013 में बीजेपी के सुरेंद्र नाथ सिंह विधायक चुने गए 

  • 2018 में कांग्रेस के आरिफ मसूद विधायक बने थे 


 
2018 में ऐसा रहा था परिणाम 


2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य सीट पर बीजेपी पर कांग्रेस भारी पड़ी थी. कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ मसूद को इस चुनाव में 76647 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र नाथ सिंह को इस सीट पर 61890 वोट मिले थे. इस तरह से आरिफ मसूद ने 14757 वोटों के अंतर से यह चुनाव जीता था. 


बीजेपी से ध्रुव नारायण कांग्रेस आरिफ दावेदार 


बीजेपी ने इस सीट पर ध्रुव नारायण सिंह को एक बार फिर मौका दिया है. ध्रुव नारायण सिंह सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण के बेटे हैं, 2008 में उन्होंने कांग्रेस के नासिर इस्लाम को हराया था. इसके बाद वह सहला मसूद हत्याकांड की वजह से चर्चा में रहे थे. जिसके चलते पार्टी ने 2013 में उनका टिकट काट दिया था, लेकिन अब पार्टी ने उन्हें फिर से एक बार मौका दिया है. 


वहीं बात अगर कांग्रेस के विधायक और इस चुनाव में भी दावेदार माने जा रहें आरिफ मसूद की जाए तो वह गदर कांड की वजह से चर्चाओं में आए थे. आरिफ मसूद मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के भी सदस्य हैं. जबकि वह 2003 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. बाद में आरिफ कांग्रेस में शामिल हुए थे, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें 2013 में भी टिकट दिया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2018 में आरिफ मसूद चुनाव जीते थे. 


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