MP Congress Tussle: मध्यप्रदेश में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव (Assembly elections in Madhya Pradesh) होने वाले हैं. चुनावी साल होने के चलते विपक्षी पार्टी कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के साथ-साथ जनता के बीच पहुंचने के लिए पूरा जोर लगा रही है. हालांकि कांग्रेस के अंदर के ही खींचतान जारी होने की खबरें मिल रही. पहले जीतू पटवारी तो फिर अरुण यादव के बयानों से ऐसे संकेत मिले. अब इसी सबके बीच कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लिया.खंडवा कांग्रेस में की गई नियुक्तियों पर कांग्रेस पार्टी ने रोक लगा दी. जिसके बाद इसको  खंडवा में अरुण यादव खेमे को झटके तौर पर देखा जा रहा है.


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एमपी कांग्रेस में खींचतान जारी
दरअसल, प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल (State in-charge JP Aggarwal) ने एक पत्र जारी किया है. जिसके बाद खंडवा कांग्रेस में नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई. आपको बता दें कि खंडवा में मनोज भरतकर को जिला कांग्रेस अध्यक्ष और मोहन धाकसे को शहर कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया. जिसके बाद कमलनाथ, दिग्विजय सिंह खेमे के नेता नाराज हो गए थे. शिकायतों के बाद अब नियुक्ति पर रोक लगा दी गई. इसलिए इस फैसले के चलते इस खंडवा में अरुण यादव खेमे को झटका लगा है.



 


गौरतलब है कि हाल ही में अरुण यादव ने कहा था कि मुख्यमंत्री का नाम दिल्ली तय करता है और उसके बाद अब पार्टी की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को नजरअंदाज करने की फिर से चर्चा शुरू हो गई हैं.


अरुण यादव ने क्या कहा था?
दरअसल, हाल ही में अरुण यादव के एक बयान से अंदरूनी कलह की बात सामने आई थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस शुरू से अपना चेहरा घोषित नहीं करती है. कमलनाथ सर्वमान्य अध्यक्ष हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कौन और कैसे बनेगा, यह चुनाव के बाद तय होगा.


रिपोर्ट: आकाश द्विवेदी (भोपाल)